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नगर निगम चुनाव में पहली बार:बगैर कोई चुनाव लड़े सीधे महापौर का चुनाव लड़ेंगे भाजपा प्रत्याशी भार्गव

भाजपा ने इंदौर नगर निगम चुनाव की अपनी 22 साल पुरानी परंपरा को तोड़कर ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया है जिसने अभी तक किसी भी प्रकार का चुनाव लड़ने का अनुभव नहीं है। भाजपा ने भारी उठा पठक के बाद मंगलवार देर रात इंदौर महापौर प्रत्याशी पद के लिए पुष्यमित्र भार्गव के नाम की घोषणा की है। खास बात यह भी है कि भार्गव पहली बार सीधे महापौर का चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने अभी तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है।

इंदौर में साल 2000 के पहले पार्षद का चुनाव लड़कर महापौर के लिए दावेदारी करनी होती थी। जिसके बाद सभी पार्षद मिलकर महापौर को चुनते थे। तब महापौर का कार्यकाल 1 साल का होता था। लेकिन साल 2000 में यह परंपरा बदली ओर इंदौर में पहली बार महापौर का चुनाव जनता ने किया। तब से अब तक इंदौर में महापौर का चुनाव भाजपा ही जीतती आ रही है। इस बार भाजपा के इतिहास में पहली बार है जब भाजपा ने ऐसे प्रत्याशी को उम्मीदवार बनाया है जिसने अभी तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है।

भाजपा ने इन को दिया टिकट

कैलाश विजयवर्गीय

इंदौर में साल 2000 में पहली बार जनता ने महापौर को चुना था। इससे पहले पार्षद ही महापौर का चयन करते थे। 2000 में भाजपा ने कैलाश विजयवर्गीय को टिकट दिया था। इसके पहले उन्होंने 1983 में पार्षद का, 1990 में विधानसभा 4 से विधायक का, 1993 और 1998 में विधानसभा 2 से विधायक का चुनाव लड़ा। इसके बाद 2000 में पहली महापौर का चुनाव लड़ा और विजयवर्गीय इंदौर नगर निगम के पहले निर्वाचित महापौर बने।

डॉ. उमाशशि शर्मा

डॉ. उमा शशि शर्मा 2005 में पहली महिला महापौर बनीं।
डॉ. उमा शशि शर्मा 2005 में पहली महिला महापौर बनीं।

साल 2000 में पहली बार महापौर का निर्वाचन होने के बाद भाजपा ने 2005 में डॉ. उमाशशि शर्मा को महापौर प्रत्याशी बनाया था। डॉ. उमाशशि शर्मा महापौर का चुनाव लड़ने से पहले साल 1983, 1994 और साल 1999 में पार्षद का चुनाव लड़ कर नगर निगम पहुंची थी। डॉ. शर्मा पेशे से चिकित्सक थी वह प्रैक्टिस करने के साथ ही संघ के लिए काम करती थी। उन्हें राजमाता सिंधिया ने कहा कि किसी महिला को चुनाव लड़ना चाहिए और वह राजनीति में आ गई। इंदौर की पहली ऐसी महिला हैं जिन्होंने सबसे पहले पार्षद का चुनाव लड़ा।

कृष्णमुरारी मोघे

खरगोन से सांसद का चुनाव लड़ चुके कृष्ण मुरारी मोघे 2010 में इंदौर के महापौर बने।
खरगोन से सांसद का चुनाव लड़ चुके कृष्ण मुरारी मोघे 2010 में इंदौर के महापौर बने।

डॉ. उमाशशि शर्मा के बाद 2010 में भाजपा ने कृष्णमुरारी मोघे पर दांव खेला। इससे पहले उन्होंने 2004 में खरगोन से लोकसभा चुनाव लड़ा। लेकिन 2007 में उन्हें लाभ के मुद्दे पर अयोग्य घोषित कर दिया गया। जिसके बाद 2007 में ही उप चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। फिर 2010 में महापौर का चुनाव लड़ा और वह इंदौर के 14वें महापौर बने। मोघे 19 साल की आयु में आरएसएस के पूर्णकालिक कार्यकर्ता और आरएसएस के प्रचारक के रुप में राजनीति में शामिल हुए थे।

मालिनी गौड़

पति स्व.लखन गौड़ की मृत्यु के बाद राजनीति में आई मालिनी गौड़ भी इंदौर की महापौर रह चुकी हैं।
पति स्व.लखन गौड़ की मृत्यु के बाद राजनीति में आई मालिनी गौड़ भी इंदौर की महापौर रह चुकी हैं।

कृष्णमुरारी मोघे के बाद भाजपा ने इंदौर महापौर पद के लिए मालिनी गौड़ को मैदान में उतारा। मालिनी गौड़ ने 2015 में महापौर का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। महापौर का चुनाव लड़ने से पहले उन्होंने 2003 में इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्र. 4 से विधायक का चुनाव लड़ा। महापौर बनने के बाद मालिनी गौड़ के नेतृत्व में इंदौर लगातार 5 बार स्वच्छता में शीर्ष पर रहा। वह पति लक्ष्मण सिंह गौड़ के निधन के बाद राजनीति में आई।

ये हैं आजादी के बाद से अब तक के इंदौर के महापौर

इंदौर के अब तक के महापौर
महापौरकब सेकब तक
ईश्वर चंद जैन19561957
पुरूषोत्तम विजय19581958
प्रभाकर अड़सुले19591959
बालकृष्ण गौहर19591960
सरदार शेरसिंह19601961
डॉ. बी.बी.पुरोहित19611962
आर.एन.जुत्शी1962
एन.के. शुक्ला1962- 631964
भंवरसिंह भंडारी19641965
लक्ष्मणसिंह चौहान19651966
लक्ष्मीशंकर शुक्ला19661967
चांदमल गुप्ता19671968
चांदमल गुप्ता19691969
सुरेश सेठ19691970
राजेंद्र धारकर19831984
लालचंद मित्तल19841985
नारायणराव धर्म19851986
श्रीवल्लभ शर्मा19861987
मधुकर वर्मा19992000
कैलाश विजयवर्गीय20002005
डॉ. उमाशशि शर्मा20052010
कृष्णमुरारी मोघे20102015
मालिनी गौड़20152019
(साल 2000 के बाद से जनता द्वारा महापौर का चुनाव होना शुरू हुआ इससे पहले पार्षद महापौर चुनते थे)




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