मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रत्येक बच्चे में नैसर्गिक प्रतिभा और क्षमता है। यदि हमने बच्चों के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ निर्मित कर दी, तो वे चमत्कार कर सकते हैं। हम सब मिल कर बेहतर कार्य का प्रयास करेंगे, तभी अच्छे परिणाम आयेंगे। अनेक लोग बच्चों को नशे की लत लगा देते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बच्चे भीख न मांगे, उनकी पढ़ाई-लिखाई, कपड़े, भोजन इत्यादि की व्यवस्था हो। बच्चों से बाल श्रम न कराया जा सके और उन्हें शोषण से बचाया जाए, इस दिशा में सरकार के साथ समाज को भी आगे आना होगा। उनकी पढ़ाई और आश्रय की बेहतर व्यवस्था करनी होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज चाइल्ड कंजर्वेशन फाउंडेशन द्वारा नरोन्हा प्रशासन अकादमी में बाल श्रम निषेध दिवस और संस्था के 100वें वेबिनार के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मेरे मन में वेदना होती है, जब किसी बच्चे को भीख मांगते हुए या भोजन के लिए याचना करते हुए देखता हूँ। बच्चों के कल्याण के लिए केवल सरकार के प्रयास काफी नहीं हैं, समाज को भी साथ जुड़ना चाहिए। लोगों को सही प्लेटफॉर्म मिल जाए, तो वह कसर नहीं छोड़ते। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मैं भोपाल में आँगनवाड़ी के बच्चों के लिए हाथ ठेला लेकर निकला था। लोगों ने 10 ट्रक सामान भर दिया और 1 करोड़ 86 लाख के चेक भी प्रदान किए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि बाल श्रम के बारे में यह नहीं होना चाहिए कि बच्चे घर का कार्य भी न करें। उनसे मजदूरी करवाना गलत है। उनका शोषण न हो। हमें बच्चों को शोषण से मुक्त करने का प्रयास करना चाहिए। मुझे खुशी है कि हमारे युवा बेटे-बेटियों में स्वयं आगे बढ़ने के साथ राष्ट्र एवं समाज की उन्नति के लिए कार्य करने की ललक है। मैं अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के लिए कटिबद्ध हूँ।
कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष श्री राघवेंद्र शर्मा ने मुख्यमंत्री श्री चौहान और अन्य अतिथियों का स्वागत किया। श्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के व्यक्तित्व में दो माताएँ हैं, तभी तो वे बच्चों के प्रिय मामा हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्री शर्मा की पुस्तक “भारत के अनमोल रत्न” का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान को संगोष्ठी के प्रतिवेदन की प्रति भी सौंपी गई और उनका अभिनंदन किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नृत्य प्रस्तुति के लिए प्रतिभाशाली बालिका सुश्री वत्सला को पुरस्कृत किया।
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