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साइकिल नहीं मिल सकेगी:चार महीने बिना साइकिल के स्कूल जाएंगे, प्रदेश के साढ़े पांच लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स

 

यह प्रक्रिया को पूरा होने में ही जुलाई का महीना बीत जाएगा - Dainik Bhaskar
यह प्रक्रिया को पूरा होने में ही जुलाई का महीना बीत जाएगा

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले साढ़े पांच लाख छात्र-छात्राएं स्कूल खुलने के चार महीने से भी ज्यादा समय तक पैदल या अन्य साधनों से पढ़ाई के लिए स्कूल जा पाएंगे। उन्हें समय पर साइकिल नहीं मिल सकेगी। इसकी मुख्य वजह यह है कुछ दिन पूर्व ही टेंडर होने की वजह से कंपनियों ने अब तक रेट नहीं दिए है। ऐसी दशा में यह प्रक्रिया को पूरा होने में ही जुलाई का महीना बीत जाएगा।

दूरस्थ अंचलों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को जिन्हें स्कूल जाने के लिए दो किमी की दूरी तय करना पड़ती है उन्हें साइकिल दी जाती है। पहले एक गांव से दूसरे गांव जाने वाली छात्राओं को ही देने का प्रावधान था। इसके तहत छठवीं की छात्राओं को 18 और नौवीं में पढ़ने वाली छात्राओं को 20 इंच की साइकिल दी जाती है।

अफसर बोले- 200 करोड़ का बजट, 450 रुपए प्रति साइकिल पर अंतर

छात्राओं को साइकिल देने के लिए 200 करोड़ का बजट है। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एक साइकिल आमतौर पर 3550 रुपए की आती है, लेकिन महंगाई बढ़ने की वजह से यह 4000 रुपए तक जाने की संभावना है। इस तरह से 450 रुपए प्रति साइकिल पर अंतर आ सकता है। कुछ दिन पहले ही टेंडर हुए हैं। कोटेशन आने में ही एक महीने से ज्यादा समय लग जाएगा। छात्राओं का पहले छठवीं में साइकिल मिलती है उसके बाद नौवीं में आने पर फिर से साइकिल दी जाती है।

अभी इंतजार... अक्टूबर तक भी मिल जाए तो बड़ी बात
वर्तमान में साइकिल के लिए टेंडर ही हुए हैं। इसके बाद कंपनियां कोटेशन देती हैं। जब कोटेशन सेंक्शन होते उस प्रक्रिया में भी सप्लाई तक करीब तीन-चार महीने लग जाता है। ऐसे में साइकिल अक्टूबर तक उपलब्ध हो सकेंगी। कई बार कंपनियां अगर ज्यादा रेट देती हैं तो फिर से रि-ऑक्शन कर रेट लिए जाते हैं।

साइकिल के लिए स्कूल आते हैं बच्चे, ड्रापआउट भी कम
अधिकारियों ने बताया कि छात्र साइकिल के लिए स्कूल आते हैं। यह उनमें उत्साह बढ़ाती है। ऐसे में ड्रापआउट रेट भी कम होता है। छात्राएं भी स्कूल आती हैं क्योंकि माता-पिता उन्हें पैदल भेजना नहीं चाहते। पहले गांव पढ़ने वाली छात्राओंं को साइकिल मिलती थी लेकिन अब दो किमी की दूरी तय कर दी है।

तीन महीने में वितरण
अभी तो टेंडर निकाले गए हैं। इसके कोटेशन आएंगे, रेट लिए जाएंगे। उसके बाद तीन महीने में इनका वितरण शुरू होगा। पिछले साल 3550 की साइकिल पड़ी थी, इस बार इसके रेट बढ़ने की संभावना है।
-पीके सिंह, उपसचिव, स्कूल शिक्षा

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