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जून के तीज-त्योहार:साल भर की सभी एकादशियों के व्रत के बराबर पुण्य दिलाने वाली निर्जला एकादशी

  


नया महीना जून शुरू हो गया है। इस महीने में कई खास तीज-त्योहार मनाए जाएंगे। जून में रंभा तीज, गंगा दशहरा, पूर्णिमा, योगिनी एकादशी, अमावस्या तिथि आएगी। इसी महीने 30 जून से गुप्त नवरात्र की शुरुआत होगी। जानिए महीने की खास तिथियां और उनसे जुड़ी खास बातें...

गुरुवार, 2 जून को रंभा तीज है। इस तिथि पर सौभाग्य और सुंदर रूप-रंग पाने की कामना से अप्सरा रंभा की पूजा की जाती है।

शुक्रवार, 3 जून को विनायकी चतुर्थी है। इस दिन नौतपा समाप्त हो जाएगा। चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश के लिए व्रत-उपवास और पूजा करने की परंपरा है।

गुरुवार, 9 जून को गंगा दशहरा है। इस तिथि पर गंगा नदी की पूजा की जाती है। ये पर्व जल का महत्व बताता है।

शुक्रवार, 10 जून को निर्जला एकादशी है। इस एकादशी का महत्व सालभर की सभी एकादशियों में सबसे अधिक है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस एकादशी पर व्रत करते हैं, उन्हें सालभार की सभी एकादशियों से प्राप्त होने वाले पुण्य के बराबर पुण्य मिलता है। ये व्रत निर्जल रहकर किया जाता है। इस कारण इसे निर्जला एकादशी कहते हैं।

रविवार, 12 जून को प्रदोष व्रत है। इस दिन शिव-पार्वती की विशेष पूजा करनी चाहिए।

मंगलवार, 14 जून को ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा है। इसी तिथि संत कबीर की जयंती भी है। इस दिन ज्येष्ठ मास खत्म हो जाएगा।

बुधवार, 15 जून से आषाढ़ मास शुरू होगा। 15 जून को मिथुन संक्रांति है। इस दिन सूर्य वृष राशि से मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। संक्रांति पर नदी में स्नान करने और दान-पुण्य करने की परंपरा है।

शुक्रवार, 17 जून को गणेश चतुर्थी व्रत है। इस दिन गणेश जी के लिए व्रत-उपवास करना चाहिए।

शुक्रवार, 24 जून को योगिनि एकादशी का व्रत किया जाएगा। एकादशी पर भगवान विष्णु के लिए व्रत-उपवास करना चाहिए।

रविवार, 26 जून को प्रदोष व्रत रहेगा।

मंगलवार, 28 जून को हलहारिणी अमावस्या है। इस तिथि पर पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करना चाहिए। पंचांग भेद की वजह से 29 जून को भी अमावस्या रहेगी।

गुरुवार, 30 जून से आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्र शुरू होगी। गुप्त नवरात्र में महाविद्याओं के लिए साधना की जाती है।

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