- जीएसटी क्षतिपूर्ति बंद व बिजली सब्सिडी का राजस्व पर पड़ेगा असर
- मप्र सरकार ने पहली तिमाही में जो उधारी का कैलेंडर जारी किया था उसमें वह 9 हजार करोड़ रुपए जुटाए जाने थे
पिछले पांच साल से मिल रही वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की क्षतिपूर्ति बंद होने से प्रस्तावित नुकसान की भरपाई के लिए मप्र सरकार ने जारी वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में बाजार से 10 हजार करोड़ रुपए जुटा सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक ने जो राज्य सरकारों का अगली तिमाही का बॉन्ड के जरिए बाजार से पैसा उठाने का जो कैलेंडर जारी किया है, उसके अनुसार मप्र सरकार तीन माह में 5 बार बॉन्ड बाजार से 2-2 हजार करोड़ रुपए जुटाएगी। मप्र सरकार ने पहली तिमाही में जो उधारी का कैलेंडर जारी किया था उसमें वह 9 हजार करोड़ रुपए जुटाए जाने थे।
जानकारों की माने तो जीएसटी क्षतिपूर्ति बंद होन से मप्र सरकार को कुल 12 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होगा। इसी तरह बिजली की जारी सब्सिडी इस साल बढ़कर 27 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। कोरोना काल में बिजली के बिल माफ करने से करीब 7 हजार करोड़ रुपए का बोझ और बढ़ गया है। एफआरबीएम के तहत सरकार अपने जीएसडीपी का कुल 3.5% बाजार से बतौर कर्ज ले सकता है। मप्र सरकार का कुल जीएसडीपी पिछले वित्तीय वर्ष में 11,32,116 करोड़ रुपए रहा था। इस आधार पर सरकार कुल 40 हजार करोड़ रुपए बाजार से कर्ज उठा सकती है।
जरूरत पर निर्भर करेगा बाजार से पैसा उठाना
अगर इस बीच किसी अन्य मद से पैसा मिल जाता है तो सरकार बॉन्ड ऑक्शन से दूर हो जाती है। इसलिए जारी वर्ष में सरकार कितना बाजार से पैसा उठाएगी यह उसकी जरूरत पर निर्भर करेगा।'
ज्ञानेश्वर पाटील, सचिव, वित्त विभाग, मप्र
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