- दाे साल बाद इंदिरा सागर बांध के गेट खाेले गए
- शिवपुरी-रैंपी नदी में पानी बढ़ने से 100 फीट से प्राकृतिक पवा फॉल बहने लगा
- नर्मदा के ऊपरी क्षेत्रों में लगातार तेज बारिश और नर्मदापुरम के तवा बांध के सभी गेट खुलने का सीधा असर इंदिरा सागर बांध और ओंकारेश्वर बांध पर पड़ा है। रविवार काे इंदिरा सागर बांध के 12 गेट ढाई मीटर तक खाेलकर यहां से 8,400 क्यूमेक्स और देर रात तक ओंकारेश्वर बांध के 20 गेट खाेल दिए गए। इससे नर्मदा के निचले हिस्से में बाढ़ है।
दाे साल बाद इंदिरा सागर बांध के गेट खाेले गए हैं। इस बांध में 31 जुलाई तक 258 मीटर तक ही जलभराव रखा जा सकता है। रविवार शाम को बांध का जलस्तर 258.51 मीटर था। बांध पूरी क्षमता 262.13 मीटर है। इधर, ओंकारेश्वर बांध से रविवार काे 9200 क्यूमेक्स पानी छोड़ा ओंकारेश्वर बांध के 23 में से रविवार सुबह पहले 14 फिर 18 और देर रात तक 20 गेट खाेले गए।
शिवपुरी-रैंपी नदी में पानी बढ़ने से 100 फीट से प्राकृतिक पवा फॉल बहने लगा
जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर प्राकृतिक पवा फॉल बारिश के साथ ही पहले से अधिक बहने लगा है। रविवार से सैलानी पहुंचने लगे हैं। इस बार जुलाई के तीसरे सप्ताह में अच्छी बारिश होने पर रैंपी नदी में पानी बढ़ गया है, जिससे झरना बहने लगा है। कहा जाता है प्राकृतिक स्थल पवा पर पांडव अज्ञातवास काटने आए थे। गुफाओं में पांडुलिपी है, जिसका पुरातत्व विभाग अध्ययन करने आया था, लेकिन पानी के कारण पांडुलिपी कुछ हद तक मिट सी गई है। इसके अलावा पवा संतों की तपोस्थली भी रही है।
उधर, भोपाल लबालब- जुलाई में पहली बार 77% भरा कोलार डैम, 4 गेट खोले; भदभदा-कलियासोत के सभी गेट खोलने पड़े
राजधानी के तीनों बड़े डैम, बड़ा तालाब सब ओवरफ्लो हो चुके हैं। भदभदा डैम के सभी 11 गेट, कलियासोत डैम के सभी 13 गेट रविवार को खोल दिए गए। कोलार डैम जुलाई में 6-8 मीटर तक खाली रहता था, उसके भी 4 गेट खोलने पड़े। जुलाई में पहली बार ऐसा हुआ है 77.24% भरा होने पर भी इस डैम के गेट खोले गए हों।
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