14 जुलाई से श्रावण मास शुरू हो गया है। जो कि 11 अगस्त तक रहेगा। इस बार सावन 29 दिनों का ही रहेगा। इनमें चार सोमवार, दो प्रदोष और सावन शिवरात्रि भी रहेगी। इन तिथियों में भगवान शिव की विशेष पूजा-आराधना का पूरा फल मिलता है। वहीं, चातुर्मास के चलते अब विवाह नहीं होंगे, लेकिन धार्मिक अनुष्ठान, यज्ञ, पूजा-पाठ चलते रहेंगे। श्रावण मास में इस बार हर दूसरे-तीसरे दिन कोई न कोई पर्व, व्रत या शुभ तिथि रहेगी।
सृष्टि का संभालते हैं शिव इसलिए श्रावण खास
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र ने बताया कि देवशयनी एकादशी से अगले चार महीने तक विवाह और अन्य शुभ काम नहीं होते हैं। इसकी वजह बताते हुए शास्त्रों के कहा गया है कि भगवान विष्णु आषाढ़ महीने के शुक्लपक्ष की एकादशी से चार महीने तक क्षीर सागर में योग निद्रा में रहते हैं। इस दौरान भगवान शिव सृष्टि का संभालने का काम करते हैं। इसलिए भी श्रावण महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा का विधान है।
तारीख और दिन | व्रत-पर्व और विशेष तिथियां |
14 जुलाई, बुधवार | सावन का पहला सोमवार |
16 जुलाई, शनिवार | संकष्टी चतुर्थी व्रत |
17 जुलाई, रविवार | कर्क संक्रांति |
18 जुलाई, सोमवार | मौना पंचमी |
19 जुलाई, मंगलवार | मंगला गौरी व्रत |
20 जुलाई, बुधवार | शीतला सप्तमी |
24 जुलाई, रविवार | कामिका एकादशी व्रत |
25 जुलाई, सोमवार | सावन का दूसरा सोमवार, सोम प्रदोष व्रत |
26 जुलाई, मंगलवार | शिव चतुर्दशी और मंगला गौरी व्रत |
28 जुलाई, गुरुववार | हरियाली अमावस्या और गुरु पुष्य संयोग |
31 जुलाई, रविवार | हरियाली तीज |
1 अगस्त, सोमवार | सावन का तीसरा सोमवार, विनायकी चतुर्थी |
2 अगस्त, मंगलवार | नागपंचमी |
4 अगस्त, गुरुवार | गोस्वामी तुलसीदास जयंती |
8 अगस्त, सोमवार | सावन का आखिरी सोमवार, पुत्रदा एकादशी व्रत |
9 अगस्त, मंगलवार | मंगला गौरी व्रत |
11 अगस्त, गुरुवार | रक्षाबंधन पर्व, श्रावण पूर्णिमा |
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