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किसान 15 अगस्त तक एमपी किसान एप के माध्यम से दर्ज कर सकेंगे जानकारी

इंदौर:मध्यप्रदेश में किसानों की फसल की गिरदावरी सैटेलाइट इमेज/आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिए शुरू की जा रही है। इस संबंध में मध्यप्रदेश के भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त कार्यालय ने खरीफ फसल के लिए गिरदावरी के निर्देश जारी कर दिए हैं। उक्त व्यवस्था के तहत सभी कृषकजन एमपी किसान एप के माध्यम से खुद ही अपनी फसल की जानकारी दर्ज कर सकेंगे। एमपी किसान एप के माध्यम से जानकारी दर्ज करने के लिये 15 अगस्त तक की समय-सीमा निर्धारित की गई है। भू-अभिलेख अधीक्षक इंदौर ने जानकारी दी है कि इंदौर जिले में भी सेटेलाईट इमेज/एआई डाटा आधारित फसल गिरदावरी पर काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया है कि सैटेलाइट इमेज व एआइ डाटा के माध्यम से प्रदान की जा रही सुविधाओं से किसानों को सही गिरदावरी प्राप्त हो सकेगी।

*किसानों की मिलेंगी निम्न सुविधाएं*

            सेटेलाईट इमेज/एआई डाटा आधारित गिरदावरी कार्य में फसल की खसरा नंबरवार जानकारी MPSeDC द्वारा 31 जुलाई 2022 तक उपलब्ध कराई जायेगी। सेटेलाईट इमेज/एआई के आधार पर एप के माध्यम से गिरदावरी की जायेगी।

एमपी किसान एप के माध्यम से फसल स्व घोषणा की जानकारी दर्ज करने हेतु उपलब्ध हैइसमें किसान स्वयं खेत में उपस्थित होकर फसल की जानकारी जियो फेंस तकनीक अनुसार दर्ज कर सकेंगे। इसकी समय सीमा 15 अगस्त 2022 नियत की गई है। सेटेलाईट इमेज/एआई के आधार पर की गई गिरदावरी एवं एमपी किसान एप के माध्यम से दर्ज जानकारी समान होने पर सीधे सर्वर पर अद्यतन होगी। यदि किसान द्वारा दर्ज जानकारी एवं सेटेलाईट इमेज/एआई के आधार पर की गई गिरदावरी में विसंगती होगी तो उन सर्वे नम्बर की जानकारी ग्राउंड टूथिंग हेतु पटवारी को सारा एप में उपलब्ध कराई जायेगी।

            ग्राउंड टूथिंग हेतु पटवारियों को प्रदत्त सर्वे नंबर एवं किसान द्वारा गिरदावरी से शेष सर्वे नंबर की गिरदावरी पटवारियों द्वारा जियो फेंस तकनीक के आधार पर पूर्ण की जायेगी। पटवारियों द्वारा गिरदावरी पूर्ण करने हेतु समय सीमा 31 अगस्त 2022 तक रहेगी। मौसम खरीफ के लिए किसानों द्वारा फसल गिरदावरी के संबंध में आपत्ति की जानकारी दर्ज करने हेतु समय-सीमा 5 सितम्बर 2022 तक रहेगी। मौसम खरीफ हेतु 10 सितम्बर 2022 तक प्राप्त आपत्तियों का निराकरण संबंधित तहसीलदार/नायब तहसीलदार द्वारा सारा पोर्टल के माध्यम से एवं प्राप्त आपत्ति की लोकेशन तथा फसल के फोटो का अवलोकन कर आवश्यक जांच उपरांत किया जा सकेगा। मौसम खरीफ हेतु नियत तिथि 10 सितम्बर 2022 उपरांत कोई संशोधन नहीं किया जा सकेगा एवं डाटा लॉक हो जायेगा।

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