शहर में बिजली के सात लाख उपभोक्ता हैं। इनमें से साढ़े तीन लाख उपभोक्ता डिजिटल सिस्टम से बिल जमा कर रहे हैं। दरअसल, बिजली कंपनी घरेलू, व्यावसायिक, इंडस्ट्री सेक्टर वाले उपभोक्ताओं को विभिन्न डिस्काउंट दे रही है। वहीं जिस डिजिटल मोड का उपभोक्ता इस्तेमाल कर रहे हैं, वह भी कैशबैक देता है। दो हजार के बिल पर करीब 150 रु. की बचत हो रही है।
कम्प्यूटर, मोबाइल, पेटीएम, फोन पे, गूगल पे, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, ऊर्जस एप के माध्यम से बिजली बिल भरने वालों की संख्या में इस वर्ष के पांच माह में एक लाख की वृद्धि हुई है। इंदौर-उज्जैन संभाग में कैशलेस भुगतान करने वालों की संख्या 13 लाख हो गई है।
इंदौर में 40 हजार नए उपभोक्ता जुड़े
कंपनी क्षेत्र में कैशलेस बिल राशि चुकाने वालों की संख्या हर जिले में बढ़ी है। इंदौर में सबसे ज्यादा चालीस हजार उपभोक्ता इस ओर बढ़े हैं। इंदौर के बाद उज्जैन व फिर रतलाम में कैशलेस उपभोक्ता सबसे ज्यादा हैं। सभी 15 जिला मुख्यालयों समेत 135 नगरों में कैशलेस का आंकड़ा ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में काफी अधिक है।
एचटी कनेक्शन सौ फीसदी डिजिटल भुगतान कर रहे
कंपनी के शत प्रतिशत 4 हजार एचटी उपभोक्ता कैशलेस अपना रहे हैं। पहले दो हजार ग्राहक जोन पर आकर बिल चुका रहे थे, लेकिन पिछले दो महीने से कैश काउंटर पर कोई आया ही नहीं। एचटी कनेक्शन की बिलिंग बहुत सख्ती से होती है। मीटर रीडिंग भी स्वत: होने से बिल सटीक जारी हो रहे हैं।
एक ही कैश काउंटर- सिटी सर्कल के अधीक्षण यंत्री मनोज शर्मा के मुताबिक जोन कार्यालयों पर ज्यादा कैश काउंटर की जरूरत ही नहीं है। एक ही काउंटर से काम चल जाता है। अन्नपूर्णा, मनोरमागंज जोन इसके उदाहरण हैं।
डिजिटल पेमेंट वालों को 5 से 20 रु./बिल राहत
कैशलेस बिजली बिल भुगतान करने वालों को प्रति बिल पर छूट दी जा रही है। यह छूट न्यूनतम पांच रुपए प्रति बिल है। घरेलू एलटी बिजली बिल भुगतान पर अधिकतम आधा फीसदी बिल राशि की कैशलेस छूट दी जा रही है, जबकि गैर घरेलू एलटी बिल भुगतान पर 20 रुपए की अधिकतम छूट दी जा रही है।
अमित तोमर, प्रबंध निदेशक, विद्युत वितरण कंपनी
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