- 1803 ने नवीनीकरण का आवेदन दिया, मान्यता सिर्फ 1540 को ही मिली
जिले में 263 निजी स्कूल मान्यता निरस्त होने के बाद भी एक महीने से चल रहे हैं। नर्सरी से आठवीं तक के इन स्कूलों में एक लाख से ज्यादा बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। मान्यता निरस्त होने के बाद इन बच्चों का भविष्य दांव पर लग गया है। जिले के 1803 स्कूलों ने नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था, जिसमें से 1540 स्कूलों को ही मान्यता मिली।
जिले में इंदौर अर्बन, अर्बन-2, रूरल के साथ महू, देपालपुर और सांवेर भी शामिल हैं। जिन स्कूलों का नवीनीकरण नहीं हुआ है, वे स्कूल पूर्ण रूप से अमान्य हैं। पहले कोविड के कारण दो साल स्कूल खुले नहीं, जिसके चलते मान्यता आगे बढ़ा दी गई। इस साल से स्कूलों की मान्यता को ऑनलाइन पोर्टल पर डालना था, जिसके कारण कई स्कूलों की मान्यता को लंबित किया गया। लंबित होने पर नवीनीकरण का समय निकल गया और स्कूल की मान्यता खत्म हो गई।
ब्लॉक निरीक्षण अधिकारी ने अप्रैल-मई में दी रिपोर्ट
ब्लॉक निरीक्षण अधिकारी की रिपोर्ट के बाद ही जिला शिक्षा अधिकारी मान्यता देते हैं। ब्लॉक अधिकारी ने रिपोर्ट अप्रैल-मई में जमा कर दी थी। जिला शिक्षा अधिकारी ने आवेदनों को चेक करने के बाद कई स्कूलों के आवेदन निरस्त कर दिए, लेकिन उन्हें सूचना नहीं दी। इसके चलते स्कूल अभी भी चल रहे हैं।
मान्यता का फैसला अब शिक्षा विभाग के हाथों में
जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास का कहना है बीआरसी-1 और बीआरसी-2 की रिपोर्ट के आधार पर स्कूलों को मान्यता दी गई है। जिन स्कूलों की मान्यता खत्म हुई है, उन पर फैसला राज्य शिक्षा विभाग करेगा। वहीं राज्य शिक्षा अधिकारी एस. धन राजू का कहना है जिन स्कूलों की मान्यता खत्म हुई है, वे प्रशासन के समक्ष अपील कर सकते हैं।
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