इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए 31 जुलाई आखिरी तारीख है। दो दिन शेष हैं। गुरुवार तक 4.09 करोड़ करदाता टैक्स रिटर्न दाखिल कर चुके हैं। रिटर्न भरने से जुड़े अभी भी कई ऐसे सवाल हैं जो करदाता के मन में आ रहे हैं। जवाब दे रहे हैं वरिष्ठ सीए अभय शर्मा।
Q. शेयर खरीदने-बेचने पर हुए नफा-नुकसान की जानकारी कहां से निकालें? A. शेयर ब्रोकर से नेट शॉर्ट टर्म एवं लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन का स्टेटमेंट मंगवाएं या जिस एप से आपने ट्रांजेेक्शन किया है, वहां से इसका स्टेटमेंट डाउनलोड करें।
Q. बैंक से कौन-कौन सा ब्याज प्राप्त होता है। इसकी जानकारी कहां से निकालें? A. बैंक की तरफ से बचत खाते और एफडी दोनों पर ब्याज दिया जाता है। कई बार ऐसा भी होता है कि करदाता सिर्फ वेतन प्रमाण पत्र या व्यापार की आय की डिटेल्स लेकर आता है। फॉर्म 26 एएस में ब्याज रिफ्लेक्ट हो रहा होता है। करदाता को जिस बैंक या संस्थान से ऐसा ब्याज मिल रहा है, वहां से ब्याज प्रमाण पत्र लाएं।
Q. हमारा टीडीएस तो कटा है, लेकिन फॉर्म 26 एएस में नहीं दिख रहा? A. जिस डिडक्टर (आपकी कंपनी) ने टीडीएस काटा है, उससे संपर्क कर टीडीएस रिटर्न रिवाइस करवाने को कहें। सामान्यतः आपकी कंपनी द्वारा ऐसा टीडीएस रिटर्न रिवाइस करने के तीन दिन के बाद करदाता के फॉर्म 26 एएस में टीडीएस रिफ्लेक्ट हो जाएगी।
Q. सालभर अलग-अलग जगह काम किया। कहां का सैलरी स्टेटमेंट दें? A. सामान्यतः करदाता सिर्फ आखिरी एम्प्लायर से प्राप्त वेतन का ब्योरा प्रस्तुत करता है, जबकि वर्ष में जितनी भी जगह काम किया है, उनके वेतन को दर्शाना होता है। करदाता को सभी जगह से फॉर्म 16 लेकर उसके साथ-साथ सैलरी स्टेटमेंट भी देना चाहिए।
Q. जॉइंट अकाउंट है और दोनों अकाउंट होल्डर के फॉर्म 26 एएस में बैंक का ब्याज इनकम के रूप में रिफ्लेक्ट हो रहा है, तो क्या करना चाहिए? A. सामान्यतः फर्स्ट अकाउंट होल्डर के इनकम टैक्स रिटर्न में ऐसी इनकम दर्शाना होती है। यदि ऐसा कर रहे हैं तो दूसरे अकाउंट होल्डर के इनकम टैक्स पोर्टल पर जाकर यह स्पष्ट करना होगा कि यह आय फर्स्ट अकाउंट होल्डर के खाते में जोड़ी गई है।
Q. म्यूचुअल फंड, एलआईसी, हेल्थ इंश्योरेंस, डाक विभाग की स्कीम में निवेश है तो डिडक्शन क्लेम करने के लिए क्या डॉक्यूमेंट देना होगा? A. इसके लिए कोई डॉक्यूमेंट फाइल करने की आवश्यकता नहीं है। सिर्फ राशि क्लेम करना होती है।
Q. टीडीएस कटा, उससे कहीं ज्यादा राशि फॉर्म 26 एएस में दिख रहा है, जिसके कारण अतिरिक्त टैक्स का भार आ रहा है, तो क्या करें? A. फॉर्म 26 एएस में जो भी जानकारी दिखती है वो टीडीएस काटने वाले के द्वारा टीडीएस रिटर्न में दर्ज की गई जानकारी के आधार पर होती है। यदि प्राप्त राशि से ज्यादा राशि दिख रही है तो टीडीएस काटने वाले व्यक्ति/ कंपनी से निवेदन करें कि वो टीडीएस रिटर्न रिवाइस करे और राशि दुरुस्त कराएं।
Q. जॉइंट अकाउंट इन्वेस्टमेंट के केस में निवेश राशि आधी-आधी कर सकते हैं? A. हां, कर सकते हैं, लेकिन दोनों के फॉर्म में पूरी राशि दिख रही है तो इसका स्पष्टीकरण पोर्टल पर देना होगा।
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