गुरु पूर्णिमा पर बुधवार को शहर के दो आश्रम 300 साल पुरानी गुरु परंपरा का निर्वहन करेंगे। पांच पीढ़ियों के सभी गुरु को आदरांजलि दी जाएगी। पंचकुइया स्थित श्रीराम मंदिर आश्रम में गुरु गादी की परंपरा श्रीमहंत प्रहलाददास महाराज ने शुरू की थी।
उसके बाद ठाकुरदास महाराज, श्रीमहंत मोहनदास महाराज, महंत बालमुकुंद दास के बाद पांचवें गुरु महामंडलेश्वर लक्ष्मणदास महाराज यह दायित्व संभाल रहे हैं। पूर्णिमा पर सभी गुरुओं का पूजन होगा। गुरु दीक्षा देकर शिष्यों को गुरु की शिक्षा के अनुसरण के लिए प्रेरित किया जाएगा।
1700 में बने हंसदास मठ में है 15 गुरु की समाधि
शहर के सबसे प्राचीन हंसदास मठ की स्थापना करीब 1700 में हुई थी। यहां रामानंदी संप्रदाय के दिगंबर अणि अखाड़े से संबंधित परंपरा चली आ रही है। मठ में 15 गुरुओं की समाधि है। मठ से जुड़े पं. पवन शर्मा ने बताया दोपहर 12 बजे से हंस पीठाधीश्वर राम चरणदास महाराज का पूजन होगा।
- 2000 से ज्यादा पौधे रोपे जाएंगे, श्रावण में वितरित करेंगे 50 हजार पौधे
- 75 से ज्यादा स्थानों पर होगी महाप्रसादी।
12 घंटे तक चलेंगे आयोजन- दो मेडिकल छात्रों की फीस भरेंगे, 100 को छात्रवृत्ति
सूर्योदय आश्रम में गुरु पूजन के साथ मेडिकल के दो छात्रों को सालभर की फीस दी जाएगी। 100 अन्य को छात्रवृत्ति देंगे। श्री सद्गुरु दत्त धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट की डॉ. आयुषी देशमुख ने बताया कि आश्रम में लोगों को आंवला, बिल्वपत्र के पौधे वितरित कर दो हजार पौधे रोपेंगे।
शहर में चारों पीठ व सभी संप्रदाय के आश्रम
शहर में गुरुपूर्णिमा की एक खासियत यह भी है कि यहां सभी संप्रदाय से जुड़े आश्रम और स्थान हैं। चारों पीठ के शंकराचार्यों के शिष्य गुरु का चित्र, पादुका पूजन करेंगे। पालकी यात्रा भी निकाली जाएगी। दो साल बाद इस बार बड़ा उत्सव मनेगा।
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