बड़ा गणपति से कृष्णपुरा छत्री स्मार्ट रोड का काम 11 महीने बाद भी अधूरा है। डेडलाइन 14 जून थी, जिसे अब 31 अगस्त कर दिया है। कॉपी-किताब, शादी कार्ड, कपड़े, फल से लेकर सब्जी, मिठाई, नमकीन के सबसे पुराने बाजारों में एक इस सड़क के अधूरे रहने से 11 माह में 183 करोड़ का कारोबार ठप हो चुका है।
इस सड़क के लिए 250 से ज्यादा मकान-दुकान 10 से 17 फीट तक तोड़े गए। 12 से ज्यादा मंदिरों ने रास्ता दिया। सड़क पर निगम 32.25 करोड़ खर्च कर रहा है। काम अहमदाबाद की तीरथ गोपीकॉन लि. के पास है। कई दुकानदारों के पास 2 से 3 फीट जगह रह गई है। एरिया के हिसाब से कीमत का आकलन करें तो औसत एक व्यक्ति ने 20 से 25 लाख की जमीन सड़क के लिए सौंपी है। यानी 50 करोड़ कीमत की जमीन सड़क बनाने के लिए दी है।
रिनोवेशन पर 5 से 10 लाख तक खर्च
तोड़फोड़ के कारण कुछ दुकानों की सूरत इतनी बिगड़ गई कि रिनोवेशन पर 5 से 10 लाख खर्च करने पड़े। मात्र 20% ग्राहकी बची है। बड़ा गणपति क्षेत्र में 10% परिवार ऐसे भी हैं, जिन्हें किराए के मकान में जाना पड़ा। कोरोना के कारण दो साल काम बंद रहा। एक साल से सड़क के कारण ठप है।
40 हजार की बजाय अब डेढ़ लाख टैक्स
स्मार्ट सिटी की इस सड़क के कारण लोगों पर वैल्यू कैप्चर फंड भी लाद दिया है। यहां कमर्शियल एरिया के टैक्स वसूले जाएंगे। नक्शा पास कराने 10 गुना अधिक शुल्क देना पड़ रहा है। दुकानदारों को 10% टैक्स सालाना देना होगा। अब तक 40 हजार टैक्स देने वाले को अब डेढ़ लाख रुपए देना होंगे।
व्यापारी बोले- 80% ग्राहकी बंद हो गई
राजबाड़ा क्षेत्र के कपड़ा व्यापारियों ने बताया, ठेकेदार ने एक महीने पहले ही गड्ढे खोद दिए। ग्राहकी खत्म हो गई। लाइन डालने के 4-5 दिन पहले काम शुरू करना चाहिए था।
कॉपी-किताब विक्रेता बताते हैं, 16 फीट की दुकान दो फीट की रह गई। 15 से 20% ग्राहकी बची है। व्यापारी एसो. अध्यक्ष विजेंद्र सिंह चौहान कहते हैं, निगम से बात कर रहे हैं।
सीधी बात- गेर मार्ग तैयारी से विलंब हुआ
- ऋषव गुप्ता, सीईओ, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट
काम समय पर पूरा नहीं हो पाया। क्या वजह है?
- गेर मार्ग तैयार करने के कारण कुछ दिन विलंब हुआ। मार्ग में कई धार्मिक स्थल आए, जिन्हें हटाने में थोड़ा समय लगा। समन्वय से इन्हें हटाना चाहते थे।
बहुत जगह काम बचा है?
- कुछ काम बाकी है। 31 अगस्त तक पूरा कर लेंगे।
कंपनी पर पेनल्टी या कोई एक्शन लिया जा रहा है?
0 टिप्पणियाँ