कॉलेजाें में एडमिशन के दौरान काेर्स चयन काे लेकर नया ट्रेंड सेट हाे रहा है। कटऑफ के मामले में इस बार भी लॉ काेर्स सबसे आगे है। शासकीय लॉ कॉलेज में बीए एलएलबी का कटऑफ रिकॉर्ड 86% पर पहुंच गया। जनरल कैटेगरी के छात्र काे 85% अंकों पर भी प्रवेश नहीं मिला, जबकि एलएलबी में भी 81% पर एडमिशन बंद हाे गए। लॉ पिछले साल भी टॉप पर रहा था। पिछले सालाें की तुलना में बीएससी पीसीएम का कटऑफ कम हुआ है। हालांकि साइंस में नंबर वन वही है। पिछले साल बीएससी पीसीएम में होलकर साइंस कॉलेज में 88% पर प्रवेश बंद हुए थे, इस बार 80.5% कटऑफ रहा।
लॉ के बाद विद्यार्थी इसे ही पसंद कर रहे हैं। बीएससी कम्प्यूटर साइंस का कटऑफ 78% रहा, जो बीबीए से पीछे है। शा. अटल बिहारी वाजपेयी कला एवं वाणिज्य कॉलेज (जीएसीसी) में बीबीए का कटऑफ पिछली बार 77% था, वह इस बार 78.6% रहा। पिछले साल बीए का कटऑफ 74.5% था, जो 73.4% पर आ गया है। प्लेन बीकॉम की स्थिति इस बार भी ज्यादा अच्छी नहीं है। बीकॉम कम्प्यूटर एप्लीकेशन के प्रति विद्यािर्थयों का अच्छा रुझान है।
फैक्ट फाइल 2022
लॉ काेर्स का कटऑफ
- बीए एलएलबी - 86.1%
- एलएलबी - 81%
- बीबीए एलएलबी - 79%
(शासकीय लॉ कॉलेज की स्थिति)
अन्य कोर्स की स्थिति
- बीबीए - 78.46%
- बीकॉम कम्प्यूटर - 78%
- बीए प्लेन - 73.4%
- बीकॉम प्लेन - 61%
(जीएसीसी में इस बार का कटऑफ)
साइंस काेर्स में कटऑफ
- बीएससी पीसीएम - 80.5%
- बीएससी कम्प्यूटर साइंस - 78%
(हाेलकर साइंस कॉलेज के अनुसार)
लॉ सबसे आगे क्यों : लीगल प्रैक्टिशनर के साथ कॉर्पोरेट में 45 तरह के नए अवसर
लॉ कोर्सेस में पिछले साल से दाे गुना अधिक डिमांड है। गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में इस बार जनरल कैटेगरी के छात्रों काे 78% तक काेई काेर्स नहीं मिला। यह कटऑफ भी तब है, जब सीबीएसई 12वीं का रिजल्ट नहीं आया है। अगर रिजल्ट आया हाेता ताे कटऑफ 90% पार हाेता। प्राचार्य डॉ. रहमान का कहना है कि सीटें भर चुकी हैं।
कटऑफ एक फीसदी भी घटने की संभावना नहीं है। जीएसीसी के प्राचार्य डॉ. अनूप व्यास कहते हैं कि बीबीए का कटऑफ आखिरी दाैर में 78.46 पर आया है। बीकॉम कम्प्यूटर की डिमांड बढ़ी, जिसका कटऑफ 78%से ज्यादा है। लॉ में डिमांड लगातार बढ़ेगी, क्याेंकि पिछले कुछ सालाें में कॉर्पाेरेट लॉ से लेकर लॉ से जुड़े 45 से ज्यादा तरह के जॉब अवसर बढ़ रहे हैं।
डॉ. नेहा चाैहान, फैकल्टी शा. कॉलेज
पीएससी में नियुक्ति नहीं होने से बीए में रुझान घटा
पांच वर्ष में पीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों में बीए के प्रति रुझान तेजी से बढ़ा था, लेकिन अब उतनी ही तेजी से गिर रहा है। सबसे बड़ा कारण यह है कि एमपी पीएससी ने 2019 से नियुक्तियां नहीं की हैं। तीन वर्ष में 1167 पदों पर नियुक्तियों पर असमंजस है। ऐसे में छात्रों का बीए से माेह कम हाेना ही था। एमबीए के बाद फाइनेंस सेक्टर में बंपर जॉब आ रहे हैं, इसलिए फिर छात्राें का बीबीए व बीकॉम कम्प्यूटर की तरफ रुझान बढ़ा है।
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