- दो साल बाद परंपरागत मार्ग से निकाली जाएगी सवारी , शाम 4 बजे सभामंडप से निकलेगी पालकी
- प्रशासक गणेशकुमार धाकड़ ने बताया कि भगवान श्री महाकालेश्वर की पहली सवारी परंपरागत मार्ग से निकाली जाएगी
महाकालेश्वर की श्रावण-भादौ में निकाली जाने वाली सवारियों के क्रम में श्रावण माह की पहली सवारी सोमवार को निकाली जाएगी। दो साल बाद बाबा भक्तों का हाल जानने परंपरागत मार्ग से निकलेंगे। कोरोना के कारण पिछले दो साल से सवारी काे बदले हुए मार्ग से निकाला जा रहा था। प्रशासक गणेशकुमार धाकड़ ने बताया कि भगवान श्री महाकालेश्वर की पहली सवारी परंपरागत मार्ग से निकाली जाएगी। पालकी में भगवान मनमहेश स्वरूप में दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे। भगवान मनमहेश स्वरूप का पूजन-अर्चन महाकाल मंदिर के सभामंडप में शाम 4 बजे किया जाएगा।
इसके बाद श्री मनमहेश पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। भगवान श्री महाकालेश्वर की पालकी मंदिर से निकलने के बाद महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होकर रामघाट पहुंचेगी। जहां शिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जाएगा। वापसी में सवारी रामानुजकोट, माेढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबारोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।
यह करें, यह न करें
- व्यापारी- सवारी मार्ग में सड़क की ओर व्यापारी भट्टी चालू न रखें। न ही तेल का कड़ाव रखें।
- दर्शनार्थी- सवारी में उल्टी दिशा में न चलें और सवारी निकलने तक अपने स्थान पर खड़े रहें।
- पार्किंग- गलियों में वाहन न रखें। सवारी मार्ग पर बड़े वाहन न लाएं।
- प्रसादी- सवारी के दौरान सिक्के, नारियल, केले, फल न फेकें।
कब किस स्वरूप में दर्शन देंगे
- दूसरी सवारी 25 जुलाई को। पालकी में श्री चंद्रमाैलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश विराजित होंगे।
- तीसरी सवारी 1 अगस्त को। पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिवतांडव स्वरूप विराजित होंगे।
- चौथी सवारी 8 अगस्त को। पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिवतांडव स्वरूप और नंदी रथ पर उमा-महेश विराजित होंगे।
- पांचवीं सवारी 15 अगस्त को। पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिवतांडव स्वरूप, नंदी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद रहेगा।
- शाही सवारी 22 अगस्त को।
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