गुरू पूर्णिमा का पर्व आज बुधवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। शहर में विभिन्न स्थानों पर गुरू पूर्णिमा पर गुरुओं के सम्मान के साथ ही गुरु पूर्णिमा महोत्सव भी मनाया जाएगा। जिसमें गुरु पूजन, पाद पूजन, गुरू गीता पाठ, गुरु पादुका पूजन, गुरु मंत्र दीक्षा सहित अन्य आयोजन होंगे। चलिए आपको बताते है इस बार क्या कुछ खास है गुरू पूर्णिमा पर...
महाभारत के रचयिता वेद व्यास के नाम पर इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। गुरु पूर्णिमा 12 जुलाई को प्रात: 4.02 बजे से प्रारंभ होकर 13 जुलाई को रात्रि 12.09 बजे रहेगी। इस बार पूर्णिमा के दिन बृहस्पति स्वराशि मीन में रहेंगे जो गुरु पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ दिन है। गुरु पूर्णिमा के दिन व्यास, वशिष्ठ आदि ऋषियों तथा दीक्षा-शिक्षा देने वाले गुरु का पूजन किया जाता है।
श्री श्री विद्याधाम के आचार्य पंडित राहुलकृष्ण शास्त्री के मुताबिक हमारे देश में प्राचीन काल से ही गुरू शिष्य परंपरा चली आ रही है। भगवान राम-कृष्ण भी गुरु के महत्व को स्वीकार करके गुरु सेवा का आदर्श संसार के सामने स्थापित किया। गुरू पूर्णिमा का सनातन हिंदू संस्कृति में बड़ा उच्च स्थान है। यह पर्व बड़े ही भक्ति और उत्साह के साथ पूरे भारत में मनाया जाता है। महर्षि कृष्ण द्वैपायन का जन्म भी इसी पावन दिन हुआ। उन्होंने 18 पुराण, महाभारत और अन्य कई ग्रंथों की रचना की है। वेद के चार विभाग भी किए इसलिए उन्हें वेदव्यास भी कहा जाता है। इनकी स्मृति में हर साल आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा के दिन गुरू पूर्णिमा महोत्सव पूरे भारत में मनाया जाता है।
गुरु पूर्णिमा पर ये है खास संयोग
पं. मनीष शर्मा के अनुसार आषाढ़ पूर्णिमा के दिन पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र रात्रि 11.20 बजे तक रहेगा। बल में वृद्धि करने वाला एद्रे योग दोपहर 12.43 तक रहेगा। इसके अलावा गुरु स्वराशि मीन में, सूर्य मिथुन में और चंद्र धनु राशि में गोचर करेगा। आषाढ़ पूर्णिमा से श्रावण पूर्णिमा तक महिलाएं अपने सुख-सौभाग्य में वृद्धि के लिए कोकिला व्रत रखकर गौरी की पूजा करती हैं।
प्रगाढ़ होंगे गुरु-शिष्य के संबंध
पंडित शास्त्री के मुताबिक इस वर्ष गुरु पूर्णिमा पर बुधादित्य योग, धनु राशि जो गुरू की ही राशि है उसमें चंद्रमा का रहना तथा देवगुरु बृहस्पति का अपनी स्वराशि मीन में गोचर में विराजमान होना अत्यंत सुखद विशेष संयोग बना रहे है। ये सब योग गुरु-शिष्य के संबंधों को प्रगाढ़ता प्रदान करेंगे। शिष्य को चाहिए कि पत्र, पुष्प, फल, नैवेद्य, दक्षिणा आदि सात्विक भाव के साथ अपना मान-अभियान भी गुरू चरणों में अर्पण करें और गुरुदेव का सम्मान करें। जिन लोगों ने गुरु दीक्षा ली है उन्हें गुरु पूर्णिमा पर गुरु स्थान पर जरूर जाना चाहिए और गुरु चरणों का श्रद्धा के साथ पूजन जरूर करना चाहिए।
यहां होंगे गुरु पूर्णिमा के आयोजन
- गोम्मटगिरी स्थित गुरू गोरक्षनाथ मंदिर पर सुबह 8 बजे से गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया जाएगा।
- पंचकुईया रोड़ स्थित श्रीदास हनुमान बगीची में सुबह 8 बजे से गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया जाएगा।
- तेजाजी नगर स्थित ग्राम मिर्जापुर में जयगुरूदेव आश्रम पर गुरुपूर्णिमा को सुबह 8 बजे गुरुपूर्णिमा महोत्सव का आयोजन होगा।
- पंचकुइया स्थित वीर बगीची में गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन सुबह 6 बजे से शुरू होगा।
- रंगवासा रोड स्थित किष्किंधा धाम पर गुरू पूर्णिमा का आयोजन सुबह 9.30 बजे से।
- संत लादूनाथ महाराज के शिष्यों ने किए गुरु पूर्णिमा का आयोजन एमओजी लाइंस स्थित महाप्रचंड हनुमान मंदिर, गुरू आश्रम पर सुबह 11 बजे से।
- मनोमागंज स्थित गीता भवन पर गुरु पूर्णिमा पर स्वामी प्रवणानंद सरस्वती का सम्मान सुबह 10 बजे से।
- हंसदास मठ पर गुरु पूर्णिमा पर समाधिष्ट संतों एवं पंचमुखी हनुमान का पूजन सुबह 11 बजे से।
- साउथ तुकोगंज स्थित नाथ मंदिर पर गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन।
- बिजासन रोड स्थित अखंड धाम आश्रम पर गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन सुबह 8 बजे से।
- धार रोड स्थित धरावरा धाम पर आश्रम पर गुरु पूर्णिमा महोत्सव में घनश्यामदास महाराज की चरण पादुका का पूजन और गुरु मंत्र दीक्षा सुबह 11.30 बजे।
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