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शिवजी का महीना:तीन शुभ योगों में शुरू हो रहा है सावन, पहले दिन गौरी के साथ रहेंगे शिव; इस संयोग में पूजा से बढ़ेगी समृद्धि

भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे खास सावन महीना होता है। इस महीने की शुरुआत 14 जुलाई, बुधवार को तीन शुभ योगों में हो रही है। सावन का समापन 11 अगस्त को पूर्णिमा पर होगा। श्रावण मास के पहले ही दिन ग्रहों की स्थिति भी शुभ रहेगी। संयोगवश सावन में इस बार चार सोमवार बेहद खास रहेंगे। इसकी वजह चारों सोमवार पर कोई न कोई शुभ योग बन रहे हैं। जो अनुष्ठान और खरीदारी तक के लिए शुभ होंगे। सावन के सोमवार 18, 25 जुलाई, 1 और 8 अगस्त को होंगे।

तिथि और ग्रहों का शुभ संयोग
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि सावन प्रतिपदा पर सौम्य, बुधादित्य और हंस नाम के शुभ योग बन रहे हैं। साथ ही मंगल, बुध, गुरु और शनि स्व राशि में रहेंगे। खुद की राशि में होने से इन ग्रहों का शुभ प्रभाव और बढ़ जाएगा। वहीं, कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा होने से इस दिन भगवान शिव का वास गौरी के पास रहेगा। जिससे रूद्राभिषेक और शिवजी की महापूजा के लिए दिन विशेष शुभ रहेगा। इस संयोग में की गई शिव पूजा से सुख और समृद्धि बढ़ेगी।

भगवान शिव-पार्वती की पूजा का महीना
सावन में सिर्फ शिवजी ही नहीं देवी पार्वती की भी पूजा करनी चाहिए। सावन में सोमवार, प्रदोष और चतुर्दशी तिथियों पर भगवान शिव की पूजा की जाती है उसी तरह सावन में आने वाले मंगलवार और तीज यानी तृतीया तिथि भी देवी पार्वती की पूजा करने का भी विधान है। इस तिथि की स्वामी देवी गौरी हैं। वहीं, मंगलवार को मंगलागौरी व्रत और रविवार को देवी पूजा करने से महिलाओं को सौभाग्य और समृद्धि मिलती है।

शिव और मार्कंडेय पुराण के मुताबिक सावन महीने में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा साथ करनी चाहिए। ऐसा नहीं करने से पूजा का पूरा फल नहीं मिल पाता। इसलिए सावन में भगवान शिव-पार्वती की पूजा करने से रोग और दोष दूर होते हैं। उम्र बढ़ती है और सुख, समृद्धि मिलती है।

अभी शिव ही हैं, सृष्टि के संचालनकर्ता
देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु के चार महीने के लिए योग निद्रा विश्राम अवस्था में होने पर सृष्टि के संचालन का जिम्मा देवउठनी एकादशी तक भगवान शिव के पास ही है। देवउठनी एकादशी 4 नवंबर को होगी। इसके बाद मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।

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