- किताबों से जानिये, क्यों वो लोग जो उसूलों से घबराते हैं जिम्मेदारी नहीं लेते? किस तरह सफल होने के लिए जोखिम लेना जरूरी हो जाता है?
जो उसूलों से घबराते हैं वो जिम्मेदारी नहीं लेते
कुछ लोग उसूलों से घबराते हैं। अपना पक्ष जाहिर करने से डरते हैं, हमेशा सुरक्षित चलते हैं। अक्सर मौका आने पर अपनी बात पलट देते हैं और इस तरह अपनी विश्वसनीयता खो देते हैं। कुछ लोग जिम्मेदारी इसलिए नहीं लेते कि उनके साथ उत्तरदायित्व जुड़ जाते हैं। यह लोग सुरक्षित रहना पसंद करते हैं। सच्चाई को त्याग देते हैं और खोखली शोहरत को अहमियत देते हैं। (द पावर ऑफ कैरेक्टर इन लीडरशिप)
जो सफल होना चाहता है, वो जोखिम लेता है
महान उपलब्धियां जोखिम लेने वाले ही हासिल करते हैं। जो व्यक्ति सफल होना चाहता है, वो अपने उस साथी से ज्यादा जोखिम लेता है, जो औसत जिंदगी जीने का चुनाव करता है। जोखिम लेने से आपको यह पता लगता है कि आप में कितना दम है। जो सफल हैं वो जानते हैं कि समझदारी से जोखिम लिया जाए तो समय के साथ व्यक्ति को अपना लक्ष्य मिल ही जाता है। (थिंकिंग फास्ट एंड स्लो)
अपना आदर्श बहुत सोच-समझकर चुनें
आदर्श को व्यक्तित्व और चरित्र विकास का सशक्त जरिया माना जाता हैं। जिन लोगों के आप प्रशंसक हैं, जिनसे आप प्रेरित हैं, जिनकी तरफ अपेक्षा से देखते हैं, उनका आपकी सोच, आपकी अपने बारे में अवधारणा पर बहुत प्रभाव पड़ता है और उन फैसलों पर भी, जो आप अपने लिए लेते हैं। तो बहुत जरूरी है कि आप अपने आदर्श सोच-समझकर चुनें। (थिंक एंड ग्रो रिच)
सिद्धांत और जीवन मूल्य में अंतर समझिए
सिद्धांत हमसे परे हैं। सिद्धांत हमारे कार्यों के परिणाम को नियंत्रित करते हैं। जीवन मूल्य आंतरिक और व्यक्तिगत हैं, हमारे व्यवहार को दिशा देने वाले शक्तिशाली कारक हैं। सिद्धांतों को अपना जीवन मूल्य बनाएंगे तो मनचाहे परिणाम मिलेंगे। जीवन मूल्य लोगों के व्यवहार को नियंत्रित करते हैं। (द मैजिक ऑफ थिंकिंग बिग)
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