संस्कृति, पर्यटन और अध्यात्म मंत्री एवं तुलसी मानस प्रतिष्ठान की उपाध्यक्ष सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि रामचरित मानस भारतीय संस्कृति की रीढ़ है। समाज का नैतिक उत्थान आज के दौर की सबसे अनिवार्य आवश्यकता नजर आती है। मंत्री सुश्री ठाकुर, मानस भवन में तुलसी मानस प्रतिष्ठान की आम सभा की वार्षिक बैठक को संबोधित कर रही थी। मंत्री सुश्री ठाकुर ने कहा कि रामचरित मानस से समाज और व्यक्ति के उत्तम नैतिक चरित्र का निर्माण होगा। हम लोकतंत्र तभी सुरक्षित रख पाएंगे जब मानव बस्तियों को नैतिकता से परिपूर्ण करते चलेंगे।
मंत्री सुश्री ठाकुर ने रामचरित मानस के अयोध्या कांड पर आधारित प्रश्नावली प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों और आम जनमानस से अपील की। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता से भगवान श्रीराम के चरित्र और उनके जीवन से जुड़ी घटनाओं से वर्तमान पीढ़ी को अवगत कराया जा सकेगा। नई पीढ़ी में रामचरित मानस को पढ़ने की आदत विकसित होगी। मंत्री सुश्री ठाकुर ने कहा कि प्रतिष्ठान का हिस्सा होते हुए यह सीखने का सौभाग्य मिला कि एक संगठन को परिवार की तरह कैसे चलाया जाता है। संगठन ने असंभव से दिखने वाले कार्य को भी संभव कर दिखाया है।
कार्याध्यक्ष श्री रघुनंदन शर्मा ने प्रतिष्ठान के उद्देश्य और पूर्व वर्षों में किए गए कार्यो पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के मार्गदर्शन में श्रीराम संग्रहालय स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। लगभग तीन करोड़ रूपये की लागत से इसे तैयार किया जाएगा। संग्रहालय में भगवान श्रीराम के अयोध्या से श्रीलंका तक वन गमन का मार्ग प्रदर्शित किया जाएगा। रामचरित मानस की विभिन्न भाषाओं में लिखी गई प्रतियाँ रखी जाएगी। साथ ही लाइट एंड साउंड से भगवान श्रीराम के चरित्र और उनके जीवन से जुड़ी घटनाओं को वर्णित किया जाएगा। इस तरह संग्रहालय को आकर्षक और प्रेरणादायी रूप में मूर्तरूप दिया जाएगा।
सचिव श्री कैलाश जोशी ने वार्षिक प्रतिवेदन का वाचन किया। कोषाध्यक्ष श्री विजय अग्रवाल ने वार्षिक लेखा प्रस्तुत किया और आगामी वित्तीय प्रस्ताव का आम सभा से अनुमोदन भी लिया। बैठक में श्री सुरेंद्र कुलश्रेष्ठ, श्रीमती सुशीला शुक्ला, श्री कैलाशचंद्र पंत, श्री रमेश शर्मा, श्री प्रभु दयाल मिश्र, श्री देवेंद्र कुमार रावत, श्री कमलेश जैमिनी, श्री विजयदत्त श्रीधर सहित सभा के सदस्य उपस्थित रहे।
0 टिप्पणियाँ