उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण मास के दूसरे सोमवार को रात 2:30 बजे भगवान के पट खुलने के बाद पुजारी, पुरोहितों ने जलाभिषेक किया। भगवान महाकाल का भांग और सूखे मेवे से श्रृंगार कर भस्म आरती की गई। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने चलाएमान दर्शन व्यवस्था के तहत दर्शन लाभ लिया।
श्रावण माह के दूसरे सोमवार को भी भगवान महाकाल मंदिर के गर्भगृह में महाकाल को जल से स्नान कराने के पश्चात भांग ,अबीर ,चन्दन से श्रृंगार कर मस्तक पर तिलक ,आभूषण और नवीन वस्त्र अर्पित किये गए।
महानिर्वाणी अखाड़ा महंत द्वारा भस्म अर्पित की गई। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। भगवान शिव को ये महीना अति प्रिय है। मान्यता है कि चातुर्मास के समय जब भगवान विष्णु शयन के लिए जाते हैं, तो सृष्टि संचालन का कार्यभार महादेव रुद्रदेव पर आ जाता है। सावन महीने में भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा की जाती है।
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