इंदौर में सोमवार को राजनेताओं का जमघट लगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, सीएम शिवराज सिंह चौहान से लेकर कई कैबिनेट मंत्री व राजनेता इंदौर में होने वाले आयोजन में शिरकत करने पहुंचे हैं। केंद्रीय मंत्री गडकरी व सीएम इंदौर में 2300 करोड़ रुपए लागत की 5 सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास और वन वे साइड एमिनिटी का लोकार्पण किया। इसके साथ ही उन्होंने सांसद शंकर लालवानी की मांग पर मूसाखेड़ी, देवास नाका, सत्यसाई, मरीमाता और आईटी पार्क पर पांच नए फ्लायओवर को मंजूरी दी। लालवानी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे को इंदौर से सूरत, बड़ौदा और मुंबई जाने के लिए कनेक्टिविटी दी जाने, इंदौर में पश्चिमी इंदौर में रिंग रोड बनाने, इंदौर में केबल कार शुरू करने, इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाने तथा इंदौर से हरदा पुराने रोड यानी देवगुराड़िया के पास से जाने वाली सड़क को वन टाइम सेटलमेंट के तहत फोरलेन बनाने की भी मांग की, जिसे भी गडकरी ने मंजूरी दी।
गड़करी ने दिए तीन सुझाव
इस दौरान गडकरी ने मप्र सरकार को पानी, हवा और ध्वनि को प्रदूषण मुक्त रखने का सुझाव दिया। गडकरी ने कहा कि अब तक मप्र को सड़कों के निर्माण के लिए ढाई लाख करोड़ रुपए केंद्र की ओर से दिए जा चुके हैं। हमारा लक्ष्य इसे 4 लाख करोड़ तक पहुंचाने का है, जिसे 2024 तक हासिल कर लिया जाएगा।
दरअसल, मप्र को करीब 2300 करोड़ रुपए लागत की 5 सड़क परियोजना की सौगात मिलने जा रही है। सोमवार को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 119 किमी लंबी 5 सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास एवं वन वे साइड एमिनिटी का लोकार्पण किया। इस प्रोग्राम में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, नागरिक विमानन राज्यमंत्री डॉ.वी.के सिंह विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए।
इस अवसर पर मंत्री गडकरी ने कहा कि स्वराज को सुराज में बदलना हमारा मिशन है। चौतरफा विकास हम सबकी महती जवाबदारी है। इंदौर ही नहीं बल्कि पूरे मध्यप्रदेश और समूचे देश में अधोसरंचनाओं का निर्माण तेजी से हो रहा है। यह हमारा जनता के प्रति उत्तरदायित्व है। जनता ने जो हमे दिया है, वह हम उन्हें लौटा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सड़कों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सड़कों के निर्माण और इससे जुड़े अधोसंरचनाओं तथा परिवहन संबंधी परियोजनाओं में नई और उन्नत तकनिकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे जहां एक ओर लागत में बड़ी कमी आ रही है, वहीं दूसरी ओर गुणवत्ता में भी सुधार हो रहा है। उन्होंने आव्हान किया कि निर्माण की क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों का भरपूर उपयोग किया जाए। इसके लिए जरूरी है कि विशेषज्ञों की मदद ली जाए, बेस्ट प्रेक्टिसेस का अध्ययन किया जाए।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण सुधार की ओर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। प्रदूषण से मुक्ति के लिये वाहनों में ईधन के गैर परम्परागत स्त्रोत का उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे जहां एक ओर सस्ता ईधन प्राप्त होगा, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण सुधरेगा तथा यात्रियों की भी कम किराया देना होगा। इसके लिए इलेक्ट्रिक, बायो गैस, बायो डीजल, ग्रीन हाईड्रोजन, बायो मिथेनॉल आदि गैर पारम्परिक स्त्रोतों से संचालित वाहनों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तेजी से दुनिया बदल रही है तो ऐसे वक्त में ट्रांसपोर्ट सेक्टर को भी तेजी से बदलना होगा। किसान को ऊर्जा दाता बनाना होगा। यह प्रयास करने की जरूरत है कि हम ऊर्जा का आयात करने वाला देश नहीं बल्कि निर्यात करने वाला देश बनाए। नए विजन के साथ कार्य करें।
प्रदेश में 20 फ्लॉयओवर व 14 रोपवे को मंजूरी
श्री गडकरी ने कहा कि 2014 के बाद अकेले मध्यप्रदेश में ही ढाई लाख करोड़ रूपये लागत के काम स्वीकृत, निर्मित तथा प्रगतिरत हैं। इसे 2024 तक चार लाख करोड़ रुपए तक में पूरे कर दिए जाएंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आग्रह पर मध्यप्रदेश में सड़क संबंधी विभिन्न प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी। इसमें प्रमुख रूप से 20 फ्लॉयओवर तथा 14 जगहों पर रोपवे संबंधी काम भी शामिल हैं। इसके तहत भोपाल, सागर, ग्वालियर, जबलपुर, रतलाम, खण्डवा, धार, छतरपुर, विदिशा आदि शहरों के फ्लायओवर ब्रिज हैं।
विकास काम किसी चमत्कार से कम नहीं : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में भी विजन के साथ काम किए जा रहे हैं। केन्द्र शासन से भरपूर सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इंदौर विकास का इंजिन है। आने वाले दस सालों में यह शहर बेंगलूर और हैदराबाद को पीछे छोड़ देगा। इंदौर मेरे सपनों का शहर का है। इसके विकास में कोई कोर-कसर नहीं रखी जायेगी। उन्होंने कहा कि हमारा सपना है कि परिवहन सेवा के लिए अब आसमान का उपयोग भी किया जाए। इसके लिए उन्होंने इंदौर में केबल कार के संचालन और पार्किंग के लिये मल्टीलेवल प्लाजा बनाने तथा बसपोर्ट की आवश्यकता भी बताई। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पिछड़े हुए चम्बल जैसे बीहड़ क्षेत्र के विकास का काम भी केन्द्र सरकार के सहयोग से हाथ में लिया गया है। इससे प्रगति के नए आयाम स्थापित होंगे।
उद्योग, व्यापार तथा रोजगार बढ़ेगा : वीके सिंह
केन्द्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश के 52 जिले नेशनल हाईवे से जुड़ गए हैं। केन्द्र सरकार से प्रयासों से यात्रियों को अब बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं। इंदौर की भी चौतरफा कनेक्टिविटी हो रही है। सड़कों का तेजी से विकास हो रहा है। इससे परिवहन सुधार में तो फायदा मिलेगा ही, वहीं दूसरी ओर धार पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को भी लाभ मिलेगा। सड़को के निर्माण से उद्योग, व्यापार तथा रोजगार बढ़ेगा।
मंत्रियों से लेकर राजनेता हुए शामिल
इस आयोजन में विभिन्न मंत्रियों के साथ ही शहर के कई राजनेता शामिल हुए। इसके साथ ही भाजपा के कई कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। यह आयोजन सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, सीएम शिवराजसिंह चौहान के अलावा मंत्री गोपाल भार्गव, सुरेश धाकड़, तुलसी सिलावट, उषा ठाकुर, नवनिर्वाचित महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित अन्य विधायक व राजनेता शामिल हुए। वहीं शाम को बास्केटबॉल कॉम्प्लेक्स में नितिन गडकरी श्री नाना महाराज तराणेकर का 125 वां जन्मोत्सव प्रोग्राम में शामिल होंगे।
इन परियोजनाओं का हुआ शिलान्यास
करीब 2300 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से बनने वाले इन सड़क परियोजनाओं से प्रदेश में आधारभूत ढांचे की तस्वीर बदलेगी। उद्योगों को नई दिशा मिलेगी, उद्यमी प्रदेश में और अधिक निवेश के लिए आगे आने की बात भी कही जा रही है। साथ ही इससे रोजगार के नए मौके बनेंगे और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। लोकार्पण की जा रही परियोजनाओं के तहत इंदौर खलघाट खंड NH-3 मॉडल पर वन वे साइड एमिनिटी का लोकार्पण किया गया।
इन परियोजनाओं का हुआ शिलान्यास
इंदौर शहर में तेजाजी नगर से बलवाडा तक 4 लेन का निर्माण काम, इंदौर-राघौगढ़ पर 4 लेन का, राऊ सर्कल के 6 लेन फ्लाईओवर, DPS-राउ सर्कल पर 6 लेन पर सर्विस रोड का पुन: निर्माण और तेजाजी नगर से बलवाड़ा खंड पर मौजूद सड़क का सुदृढ़ीकरण काम शामिल हैं।
दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत तक की कमी लाएंगे
मंत्री गडकरी दोपहर को रविन्द्र नाट्य गृह में जनआक्रोश संस्था द्वारा आयोजित सड़क सुरक्षा के कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि देश में हर साल 5 लाख दुर्घटनाएं होती हैं जिनमें करीब डेढ़ लाख लोगों की मौत होती हैं। मृत लोगों में 70 प्रतिशत लोग 18 से 40 वर्ष के आयु वर्ग के होते हैं। जिस कारण न केवल हमें सामाजिक नुकसान होता है बल्कि 3 प्रतिशत जीडीपी लॉस भी होता है। इस सामाजिक और आर्थिक नुकसान को कम करने के लिए सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाना जरूरी है। 2024 तक इनमें 50 प्रतिशत तक कमी लाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह लक्ष्य तब पूरा हो सकता है जब नागरिकों में संवेदनशीलता तथा ट्रैफिक नियमों एवं मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों के प्रति सजगता हो। इसके लिए सभी सामाजिक संस्थानों, विद्यार्थियों, जनप्रतिनिधियों, प्रशासन एवं मीडिया का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि सड़क सुरक्षा को जन आंदोलन का रूप दे दिया जाए तो हमें निश्चित तौर से लक्ष्य को प्राप्त करने में सफलता मिलेगी। यहां बैठे सभी लोग यह प्रतिज्ञा लें कि वे दूसरों को समझाने से पहले स्वयं ट्रैफिक नियमों का अनुसरण करेंगे और इंदौर को सड़क दुर्घटना मुक्त बनाने का प्रयास करेंगे।
इंदौर सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने में भी नंबर वन हो
उन्होंने कहा कि जिस तरह इंदौर ने स्वच्छता का पाठ पूरे देश को पढ़ाया है उसी तरह सड़क दुर्घटना में कमी लाने में भी नंबर वन बन कर इंदौर पूरे देश में ट्रैफिक नियमों के प्रति सजगता का एक अनुकरणीय मॉडल प्रस्तुत करेगा। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए "5-ई" मॉडल अपनाना जरूरी है। इसमें सबसे पहले रोड इंजीनियरिंग आता है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर आने वाले ब्लैक स्पॉट को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा एशियन डेवलपमेंट बैंक और वर्ल्ड बैंक के साथ मिलकर राज्य सरकारों को 15 हजार करोड़ रुपए का फंड प्रदान करने की योजना शुरू की जा रही है। दूसरे-ई के तहत व्हीकल इंजीनियरिंग होती ह। गाड़ियों के क्रैश टेस्ट अनिवार्य करने हेतु भारत न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम स्टार रेटिंग शुरू किया गया है। इसी तरह लग्जरी एवं इकॉनॉमिक गाड़ियों में भी एयर बैग्स की सुविधा अनिवार्य की गई है। तीसरे-ई एवं चौथे-ई में इंफोर्समेंट तथा एजुकेशन, ट्रैफिक नियमों का पूरा पालन हो एवं लोगों में इन नियमों के प्रति सजगता आए, तभी सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। पांचवें-ई यानी हेल्थ इमरजेंसी। अगर उक्त चारों-ई का पालन ठीक से हो रहा है तो इमरजेंसी को कंट्रोल किया जा सकता है और सड़क दुर्घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकेगा।
आध्यात्म और विज्ञान के समन्वय से ही होगा समाज का निर्माण
केंद्रीय नितिन गडकरी बास्केटबाल कॉम्प्लेक्स में आयोजित सदगुरु श्री नाना महाराज तरानेकर सपाद जन्म शताब्दी महोत्सव का शुभारंभ किया। कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय त्रिपदी परिवार और शांति पुरुष संस्थान नागपुर की ओर से किया गया था। इस मौके पर उन्होंने कहा कि संत नाना महाराज के सानिध्य व आशीर्वाद से ही मुझे मार्गदर्शन मिलता रहा। मेरी आई नाना महाराज की परम भक्त रही और बचपन से मुझे नाना महाराज के प्रति असीम श्रद्धा रही है। नाना महाराज ने जीवन भर दत्त संप्रदाय का प्रचार प्रसार किया से मिलना हुआ। इस मौके पर उन्होंने सदगुरु नाना महाराज के जीवन चरित्र पर आधारित 7 ग्रंथो का विमोचन किया।
परिवार पद्धति सबसे सशक्त
उन्होंने कहा कि भारत में भले ही बेरोजगारी व अन्य समस्याएं हैं, इसके बावजूद भी वह आज इसलिए मजबूत है कि यहां की परिवार पद्धति सबसे सशक्त है। विदेशों में लिव इन रिलेशनशिप के चलते परिवार व्यवस्था पूरी तरह से समाप्त हो गई क्योंकि वहां सामाजिक मूल्य, नैतिक मूल्य और संस्कार नाम की कोई चीज नहीं है। हमारे संतो के मार्गदर्शन, सांस्कृतिक मूल्य, वैदिक परंपराएं इतिहास, विरासत और संस्कार ये ही भारत की असली संपत्ति है और ताकत और पूंजी है। हमारे सांस्कृतिक मूल्य और आध्यात्म ही भारत को बहुत जल्द विश्व गुरु बनाएंगे। अतिथि स्वागत जय तरानेकर, तेजस तरानेकर, तारक तरानेकर ने किया। आभार जयश्री तरानेकर ने माना।
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