इंदौर के 24वें महापौर के रूप में पुष्यमित्र भार्गव ने शपथ ली। वे पर्यावरण बचाने के संदेश से इलेक्ट्रिक कार में बैठकर आए। ट्रैफिक में रोल मॉडल बनाने, पर्यावरण की सुरक्षा करने जैसे पांच संकल्प भी उन्होंने दिलाए। वे पहले ऐसे महापौर हैं जिन्होंने भगवत गीता के साथ संविधान और नगर निगम अधिनियम की पुस्तक पर हाथ रखकर शपथ ली। उनके साथ भाजपा के 64 और 2 निर्दलीय पार्षद सहित कुल 66 पार्षदों ने शपथ ली। कार्यक्रम में नगरीय विकास व आवास मंत्री भूपेंद्रसिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव भी शामिल हुए।
कार्यक्रम में किन्नरों ने महापौर व अन्य अतिथियों का स्वागत किया। सबसे पहले सफाई कर्मियों का अभिवादन किया। इसके बाद वरिष्ठ नेताओं के पैर छुए और गले भी मिले। भार्गव ने मंच से नीचे जाकर भी अभिवादन स्वीकारा।
श्रीमद भगवत गीता, संविधान और निगम अधिनियम पर हाथ रखकर ली शपथ
भार्गव इंदौर के इतिहास में पहले ऐसे महापौर है जिन्होंने शुक्रवार को श्रीमद भगवत गीता, भारत का संविधान और नगर निगम अधिनियम, इन तीनों किताबों पर हाथ रखकर महापौर पद की शपथ ली। इसके पूर्व जितने भी महापौर रहे हैं उन्होंने विधि विधान के अनुरूप ही शपथ ली थी।
पार्षदों को दिलाए पांच संकल्प
समारोह महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने सभी को पांच संकल्प दिलाए गए। इसमें -
- इंदौर के यातायात प्रबंधन को स्वच्छता अभियान की तर्ज पर रोल मॉडल बनाएंगे। सिस्टम, यातायात सुरक्षा नियमों का पालन करेंगे।
- परिवार का प्रत्येक सदस्य प्रतिवर्ष एक पौधा रोपेंगे और उसे वृक्ष बनाने की प्रक्रिया में भागीदार बनेंगे।
- वॉटर रिचार्जिंग को घर-घर पहुंचाने का संकल्प लेते है, शहर के तालाबों, जल स्तोत्रों के संरक्षण व उन्नयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
- अपने परिवार के प्रत्येक बच्चे, युवा को खेल गतिविधियों से जोड़ेंगे। खेल मैदानों के उन्नयन और रखरखाव में सहभागी बनेंगे।
- शहर की सुरक्षा के सजग प्रहरी के रूप में अपने घर, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और अपनी कॉलोनियों में जनसहयोग से सीसीटीवी कैमरे लगवाकर अपने क्षेत्र के सुरक्षा चक्र को मजबूत करेंगे। साथ ही इंदौर की सांस्कृतिक पहचान, पारंपरिक उत्सव प्रियता, शालीनता और खानपान जैसी विशेषताओं में हम अपनी सक्रिय भागीदारी कार्यकर्ता के रूप में सुनिश्चित करेंगे।
शपथ नहीं जनता के प्रति दायित्वबोध का प्रतीक
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि हमारा सौभाग्य है, कि अहिल्या नगरी की सेवा करने का अवसर हमें जनता ने दिया है। इंदौर नगर पालिका निगम के महापौर के रूप में मैंने शपथ ली है, ये शपथ नहीं है, बल्कि जनता के प्रति हमारे दायित्वबोध का प्रतीक है। एकात्म मानववाद हमारी पार्टी का मूलमंत्र है, केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार इसी मूलमंत्र को लेकर काम कर रही है, हमारी निगम परिषद भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के सपने को साकार करने के लिए गरीब व्यक्ति के कल्याण और उत्थान के लिए कार्य करेगी। यदि राष्ट्र को परम वैभव के शिखर पर ले जाना है, तो अंतिम व्यक्ति का कल्याण सुनिश्चित करना हमारी जवाबदारी है। हमारी निगम परिषद इसके लिए कृत संकल्पित है।
व्यक्ति की सबसे पहली पाठशाला उसका परिवार
उन्होंने कहा व्यक्ति की सबसे पहली पाठशाला उसका परिवार होता है, जहाँ से संस्कारों को लेकर वो समाज जीवन मे आता है, मेरा सौभाग्य रहा है कि मुझे मेरे माता पिता से सेवा, समर्पण, राष्ट्रवाद और सामाजिकता के संस्कार मिले। उन संस्कारो को लेकर समाज जीवन में कार्य करने का प्रयास किया। मेरी धर्मपत्नी व पूरे परिवार ने मुझे मेरे हर कार्य मे सहयोग किया। उन्होंने कहा जिस संगठन को भारत रत्न हम सबके प्रेरणा पुंज स्व. अटल बिहारी वाजपेयी, स्व. कुशाभाऊ ठाकरे, सुंदरलाल पटवा, कैलाश जोशी, नारायणराव धर्म, गोकुलदास भूतड़ा जैसे मनीषियों ने अपने तप और निष्ठा से सींचने का काम किया है, आज उसी संगठन ने मुझ जैसे छोटे कार्यकर्ता को महापौर प्रत्याशी के रूप में चुनकर जनता की सेवा करने का अवसर प्रदान किया है। जनता के आशीर्वाद, कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम से ऐतिहासिक विजय मिली है लेकिन उसके साथ-साथ इंदौर के विकास की जिम्मेदारी भी मिली है।
सभी वरिष्ठ नेताओं की तारीफ
भार्गव ने कहा कि निगम में हमारी परिषदें रही हैं। हमारे महापौरों ने इंदौर के विकास को सुनिश्चित करते हुए इंदौर को प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के सबसे सुंदर शहरों में शामिल करवाने का काम किया है। स्व. राजेन्द्र धारकर, स्व. श्री वल्लभ शर्मा, स्व. लालचंद मित्तल, स्व. मधुकर वर्मा और आज जो हम इंदौर का स्वरूप देख रहे है, उसमें वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय, डॉ. उमाशशि शर्मा, कृष्णमुरारी मोघे, मालिनी गौड़ के नेतृत्व में निगम परिषदों ने इंदौर के विकास को आगे बढ़ाने का काम किया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने दिलाया छठा संकल्प
प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि ये शहर देवी अहिल्याबाई की नगरी है, इस शहर को पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सजाया और संवारा है। वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय और सभी जनप्रतिनिधियों ने इंदौर को सर्वश्रेष्ठ शहर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इंदौर के लोग सकारात्मकता के साथ खड़े होते है। इंदौर के नागरिक के इस दृष्टिकोण के कारण इंदौर विकास के नए सोपान रच रहा है। विकास को लेकर महापौर पुष्यमित्र व उनकी टीम इंदौर को नया स्वरूप देने का काम आपके सहयोग से करेगी, इंदौर की भावना के अनुरूप हम सब मिलकर इंदौर को नया इंदौर बनाएंगे।
उन्होंने इंदौर की जनता से आह्वान किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता को जनांदोलन बनाने का आह्वान किया था। इसमें इंदौर की जनता और पूर्व महापौर मालिनी गौड, शासन-प्रशासन, स्वच्छता प्रहरियों के परिश्रम के फलस्वरूप इंदौर में जनांदोलन बना और 5 बार इंदौर देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में नंबर वन बना। छठी बार भी हम इंदौर को स्वच्छता में सिरमौर बनाएंगे।
इंदौर के विकास में कोई कमी नहीं रखी जाएगी
नगरीय विकास व आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि इंदौर के विकास में कोई कमी नहीं रखी जाएंगी। इंदौर लगातार विकास के नए आयाम रच रहा है, इंदौर आगे बढ़े और देश के सबसे विकसित नगर के रूप में आगे बढ़े इसमे कोई कमी नही आने देंगे। मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि भाजपा की केंद्र और राज्य में सरकार है, जो विश्वास जनता ने भाजपा में किया है, मैं उसके लिए इंदौर की जनता को धन्यवाद देता हूं, उन्होंने विकास को चुनकर भाजपा को जनता की सेवा करने का अवसर दिया।
समारोह में पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय विदेश में होने के कारण शामिल नहीं हो सके। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। सांसद शंकर लालवानी भी लोकसभा सत्र के चलते इन दिनों दिल्ली में हैं। इसके चलते वे भी समारोह में शामिल नहीं हो सके। उन्होंने वीडियो मैसेज के माध्यम से बधाई दी।
ई-व्हीकल का उपयोग करने वाले पहले महापौर
हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इंदौर में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह से आग्रह किया था कि मप्र को दूषित वायु, ध्वनि और दूषित पानी से मुक्त किया जाए। इसके लिए उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर दिया था। इसी कड़ी में अब महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इलेक्ट्रिक कार उपयोग करना शुरू कर दी है। वे समारोह में इसी इलेक्ट्रिक कार (सरकारी) से आए और रवाना हुए। उनका उद्देश्य स्वस्थ और शुद्ध वातावरण निर्मित करना है क्योंकि पेट्रोल-डीज़ल वाली कारें वातावरण में भारी मात्रा में कार्बन का उत्त्सर्जन करती है। हालांकि वे शुरू से ही पर्यावरण को लेकर जागरूक रहे हैं और खुद का एनजीओ 'संघ मित्र भार्गव' भी संचालित करते हैं और पर्यावरण को लेकर कई आयाम दे चुके हैं।
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