तीन दिन बाद रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा। इस मौके पर इंदौर के खजराना गणेश की राखी बनकर तैयार कर है। इस बार राखी की थीम आजादी के अमृत महोत्सव के साथ सनातन धर्म के तीर्थ स्थलों के जीर्णोद्धार और उत्थान की झांकी के रुप में दिखा रही है। खजराना गणेश की राखी बनाने का यह सिलसिला पिछले 19 सालों से चला आ रहा है। रक्षाबंधन के दिन यानी 11 अगस्त को सुबह 7 बजे खजराना गणेश को ये राखी भगवान गणेश अर्पित की जाएगी। इस राखी को तीन महीने में 25 परिवार व अन्य लोगों ने मेहनत करके तैयार किया है। महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, कोलकाता और राजस्थान से राखी में लगने वाला सामान बुलवाया गया था।
ऐसी है इस बार की खजराना गणेश की राखी
पालरेचा परिवार के शांतु पालरेचा और पुंडरिक पालरेचा बताते है कि भगवान गणेश की यह राखी बिलकुल अलग और विशाल है। इस बार राखी का साइज 40x40 इंच का है। इस बार आजादी के अमृत महोत्सव के साथ सनातन धर्म के तीर्थ स्थलों के जीर्णोद्धार और उत्थान की झांकी दिखा रही है।
राखी में ये है खास -
- राखी में ऊपर की ओर अयोध्या के श्रीराम मंदिर के दर्शन हो रहे हैं। - बीच में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश नजर आएंगे। इनके साथ ही काशी विश्वनाथ और महाकाल मंदिर कोरिडोर की प्रतिकृति बनाई गई है। - राखी के निचले हिस्से में बाबा बर्फानी अमरनाथ के दर्शन होंगे, अमृत्व प्राप्त कबूतर का जोड़ा भी दिखाया गया है। साथ ही ऊपर की और आजाद भारत का तिरंगा भी इस राखी में नजर आ रहा है। - राखी में शक्ति स्वरूपा नवदुर्गा माता के नौ रूपों को चित्रों के माध्यम से दिखाने की कोशिश की गई है। भगवान गणेश के आठ नामों विनायक, गणाध्यक्ष, गजानन, भालचंद्र, विघ्ननाशक, धूम्रकेतु, लंबोदर, एकदंत की महिमा दिखाने की कोशिश भी की गई है। गोलाकार राखी में अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग तरह से ॐ नम: शिवाय और जय श्री राम की भक्ति भी दिखाई है।
पालरेचा ने कहा पूरा देश इस बार 15 अगस्त पर आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव मनाने वाला है। भारत लगातार तरक्की कर रहा है। हमें भारतीय होने पर गर्व है और इस गरिमा को बढ़ाने और आजादी का जश्न जोशीले अंदाज में मनाने की जागरुकता लाने के उद्देश्य से यह थीम रखी है।
कई राज्यों सामान मंगवाया, तब हुई तैयार
ये सारा सामान महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, कोलकाता और राजस्थान के अलग-अलग शहरों से मंगाया है। सबसे ज्यादा समय इसके बारीक हैंड वर्क में लगा है। धर्म का ज्यादा से ज्यादा प्रचार हो, लोगों में आस्था बढ़े, तीर्थ स्थानों का लगातार विकास हो और हर देशवासी देशभक्ति से ओतप्रोत रहकर तरक्की में योगदान दे, इसी उद्देश्य और कामना के साथ यह राखी तैयार की गई है।
कई वर्षों से अर्पित हो रही राखी
उन्होंने बताया कि करीब 38 सालों से शहर के प्रतिष्ठित मंदिरों में राखी अर्पित करने का सिलसिला चला आ रहा है। खजराना गणेश मंदिर में रखी अर्पित करने का यह 20 वां साल है। खजराना गणेश के अलावा उज्जैन के महाकाल मंदिर, चिंतामण गणेश मंदिर, छोटा गणेश मंदिर मल्हारगंज, वीर अलीजा सरकार पंचकुईया सहित अन्य मंदिरों में अलग-अलग आकार की राखी अर्पित की जाएगी। उन्होंने बताया कि हर साल अलग-अलग सारगर्भित विषयों पर आधारित राखियां तैयार करने के लिए परिवार और पालरेचा संस्थान का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो चुका है। ये खिताब 2020 में मिला था।
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