- बारिश होते ही ये गड़बड़ा जाते हैं और जाम लगने लगता है
- चार चौराहों पर पोर्टेबल सिग्नल्स से काम चलाना पड़ रहा
शहर में 13 चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल नहीं लगे हैं। बारिश में इस कारण अकसर जाम लग जाता है और लोग परेशान होते हैं। ट्रैफिक पुलिस 6 माह में दर्जनभर पत्र नगर निगम को लिख चुकी, लेकिन निगम स्मार्ट सिटी का हवाला देकर आईटीएमएस (इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) के तहत काम किए जाने का बोल देता है। शहर में सिर्फ 57 चौराहों पर सिग्नल लगे हैं। बारिश होते ही ये गड़बड़ा जाते हैं और जाम लगने लगता है। चार चौराहों पर पोर्टेबल सिग्नल्स से काम चलाना पड़ रहा है।
शहर में इन चौराहों पर नहीं हैं सिग्नल
चोइथराम मंडी, बापट चौराहा, कालानी नगर चौराहा, चंद्रगुप्त मौर्य चौराहा, देवास नाका चौराहा, आईटी पार्क चौराहा, अंतिम चौराहा, रोबोट चौराहा, स्टार चौराहा, गिटार टी, मालवा मिल चौराहा, नृसिंह बाजार चौराहा और मालगंज चौराहा।
7 हजार करोड़ का बजट, एक सिग्नल की लागत 15 लाख
- 178 चौराहे हैं। इन पर से हर दिन 10 लाख तक वाहन गुजरते हैं।
- 57 चौराहों पर ही सिग्नल लगे हैं।
- 128 चौराहों पर सिग्नल नहीं। इनमें से 13 चौराहों पर सिग्नल बहुत जरूरी, जिसके लिए निगम को पत्र लिखे गए हैं।
- 56 चौराहों पर सबसे ज्यादा जाम लगता है। पुलिस अधिकारियों के सर्वे के मुताबिक इन सभी चौराहों पर स्मार्ट सिग्नल सिस्टम की दरकार है।
- 4 चौराहों पर पोर्टेबल सिग्नल लगे हैं। ये चौराहे हैं- मूसाखेड़ी, पलासिया टी, छावनी और वीर सावरकर मार्केट टी।
ट्रैफिक विभाग की स्थिति
- 850 जवानों व अधिकारियों का फोर्स स्वीकृत है।
- 380 का बल ही सड़कों पर सक्रिय है।
- 469 जवानों की कमी है।
- 2 हजार जवानों की जरूरत है ट्रैफिक के सुचारु संचालन के लिए
चौराहों पर सिग्नल के लिए टेंडर कर दिए हैं, जल्द लग जाएंगे
चौराहों पर ट्रैफिक सुधार के लिए हम लगातार जुटे हुए हैं। पुलिस के साथ समन्वय बनाकर ही चौराहों पर सिग्नल लगा रहे हैं। कुछ और चाैराहों पर सिग्नल के लिए टेंडर प्रक्रिया कर दी है। जल्द ही वहां सिग्नल चालू कर देंगे।
- पीसी जैन, प्रभारी ट्रैफिक सेल, नगर निगम
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