इंदौर में सोने-चांदी की राखियों का ट्रेंड देखने को मिल रहा है। इंदौर से ये राखियां लोकल मार्केट के साथ ही महाराष्ट्र, गुजरात, यूपी, रायपुर, राजस्थान सहित देशभर में सप्लाई होती है। चांदी की राखियां 51 रुपए से 500 रुपए तक की है। जबकि सोने की राखियां 101 रुपए से लेकर 5 हजार रुपए तक की है। इन राखियों का होलसेल व्यापार करने वालों का कहना है कि इन राखियों की काफी डिमांड है। दुकानदारों ने बताया कि सोने चांदी की कई राखियां बिल्कुल ओरिजनल भी है। इन्हें वापस लौटाने पर 80% तक कीमत वापसी का दावा भी किया गया है। लोग इस पर खरीदी करते समय ही मोल भाव कर सकते हैं। इस बार बच्चों के पंसदीदा कार्टून कैरेक्टर पर ये चांदी की राखियां तैयार की गई है। जबकि सोने में कॉइन और पैंडल वाली राखियां ट्रेंड में हैं। सोने-चांदी की ये राखियां भी अलग-अलग पैकिंग में आती है। सामान्य रेंज वाली राखी नॉर्मल प्लास्टिक की थैली की पैकिंग में आती है। जबकि हाई रेंज की राखियां बॉक्स पैकिंग में आती है। बॉक्स पैकिंग की इन राखियों को बहनें सीखे पैकिंग कर बाहर भी भेज सकती हैं।
एक दिन में पांच सौ राखियां तैयार होती हैं
होलसेल व्यापारी उत्कर्ष जैन ने बताया कि राखियों की सप्लाई इंदौर के लोकल मार्केट के साथ ही देशभर में की जाती है। पिछले 15 सालों से सोने-चांदी का राखियां रक्षा बंधन पर तैयार की जाती है। सराफा एसोसिएशन के सचिव अविनाश शास्त्री ने बताया कि ये राखियां महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, यूपी, रायपुर सहित देश के कई शहरों में सप्लाई की जाती है। इन राखियों को तैयार करने में ज्यादा समय नहीं लगता है। एक बार प्रोसेस में आने के बाद एक दिन में पांच सौ राखियां तक तैयार कर दी जाती है।
बच्चों के पसंदीदा कार्टून कैरेक्टर ट्रेंड में
इस बार रक्षा बंधन पर छोटे बच्चों के पंसदीदा कार्टून कैरेक्टर ट्रेंड में है। इनमें मिक्की माउस, छोटा भीम, राजू, कृष्णा जैसे कैरेक्टर के चेहरे आपको चांदी की राखियों में देखने को मिलेंगे। साथ ही चांदी की राखियों में BRO और वीरा, मेरे भईया जैसे लैटर्स की राखियां भी बाजार में मिलेंगी। सोने की राखियों में कॉइन पर श्री लिखा हुआ है। भईया-भाभी स्पेशल राखी भी ग्राहकों को लुभाती है। राखियों में चांदी 1 ग्राम से लेकर 4 से 5 ग्राम तक इस्तेमाल किया जाता है। जबकि सोने की राखियों में 20 मिलीग्राम से लेकर 1 ग्राम के आसपास सोने का इस्तेमाल किया जाता है।
राखियों के साथ ये भी मिलेगा
इन राखियों को पैकेट में दिया जाता है। इन पैकेट में राखी के साथ ही बच्चों की चॉकलेट, रोली, अक्षत, श्रीफल, मिष्ठान और गंगाजल भी छोटी-छोटी बोतल में दिया जाता है। साथ ही रक्षा बंधन के पर्व पर राखी बांधने के शुभ मुहुर्त और रोली, अक्षत सहित अन्य सामान का महत्व बताने वाला एक लेटर भी इसमें दिया जाता है। ताकि लोगों को इसका महत्व पता चल सके। गंगाजल की शुद्धता का सर्टिफिकेट भी इसके साथ मिलता है। साथ ही इसमें बाय बेक का ऑपशन भी ग्राहकों को मिलता है।
ये है महत्व
राखी के साथ आने वाले पर्चे में रोली, अक्षत, श्रीफल, गंगाजल और मिष्ठान का महत्व बताया गया है। जिसमें लिखा है -
रोली का महत्व - धार्मिक मान्यता के मुताबिक कुंक का तिलक लगाने से मनुष्य के पापों का नाश होता है। लोग कई तरह के संकट से बच जाते है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक तिलक लगाने से ग्रहों की शांति रहती है। माना जाता है कि कुंक के तिलक से घर का अन्न-धन भरा रहता है एवं सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है।
अक्षत का महत्व - तिलक लगाने के बाद अक्षत लगाने का भी प्रचलन है। अक्षत यानी चावल शांति का प्रतीक है। इसलिए तिलक लगाने के बाद चावल लगाया जाता है। मस्तिष्क के जिस स्थान पर तिलक लगाया जाता है, उसे आज्ञाचक्र कहा जाता है। शरीर पर शास्त्र के अनुसार यहां पीनियल ग्रंथि होती है। तिलक पीनियल ग्रंथि को उत्तेजित बनाए रखती है। ऐसा होने पर मस्तिष्क के अंदर दिव्य प्रकाश की अनुभूति होती है।
श्रीफल का महत्व - शास्त्रों में यह कहा गया है कि मंदिर जाए लेकिन वहां कम से कम एक श्रीफल जरुर चढ़ाए। श्रीफल को शुभ माना गया है तथा यह मान्यता है कि श्रीफल अर्थात नारियल चढ़ाने से मनोकामना अवश्य ही पूरी होती है। श्री का अर्थ लक्ष्मी से भी होता है। श्रीफल अर्पण करने से मनोकामना ही नहीं बल्कि लक्ष्मी की भी कृपा मिलती है।
गंगाजल का महत्व - गंगाजल हिंदू धर्म के व्यक्तियों के जीवन से लेकर मृत्यु तक के सभी अनुष्ठानों में सबसे जरुरी तत्व माना जाता है। माना जाता है कि अगर भगवान शिव को गंगाजल चढ़ाया जाता है तो इससे वे बहुत प्रसन्न होते है। यह व्यक्ति को शुभ और लाभ देता है। घर में गंगाजल का छिड़काव करने से वास्तुदोष खत्म हो जाता है और सकारात्मक ऊर्जा आती है।
मिष्ठान का महत्व - पुराने समय से ही कई ऐसी परंपरा चली आ रही है जो हमें सुख व शांति के साथ ही देवी-देवताओं की कृपा भी दिलवाती है। मिष्ठान को पवित्र माना गया है। इसकी पवित्रता एवं स्वाद से मन प्रसन्न हो जाता है इसी वजह से इसे पूजन में खास स्थान प्राप्त है। मिष्ठान खाने से नकारात्मक विचार नष्ट होते है व काम के प्रति सकारात्मक सोच बनती है।
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