तकनीक बढ़ने के साथ-साथ आय बढ़ाने के ज़रिए बदल रहे हैं। इंटरनेट पर कई ऐसी ऐप्स या वेबसाइट्स मौजूद हैं जिनकी मदद से आप पैसे कमा सकते हैं। इनका इस्तेमाल करने पर कैशबैक मिलता है, कुछ घंटे काम करने पर आमदनी होती है या फिर कॉइन बनते हैं, जिसका इस्तेमाल अन्य ख़रीदारी के लिए किया जा सकता है। परंतु इनमें सही कौन-सी हैं और हमें क्या सावधानी बरतनी है, इसकी जानकारी भी होनी चाहिए।
कमाई या जोखिम?
पेमेंट ऐप
कुछ ऐप्स कैशबैक की सुविधा देते हैं। किसी भी सामान का भुगतान जब आप इन ऐप्स के ज़रिए करते हैं तो कुछ रुपयों का कैशबैक मिल जाता है या फिर डिस्काउंट कूपन मिलते हैं। इनमें कुछ ऐप्स विश्वसनीय होते हैं, तो कुछ नए और अनजान भी हो सकते हैं।
स्पोर्ट्स व गेमिंग ऐप
इन ऐप्स में पैसा लगाकर गेम खेला जाता है। जीतने पर रिवॉर्ड मिलते हैं इसलिए लत लगने के कारण लोग इसमें पैसा लगाते जाते हैं और खेलते जाते हैं। इनमें इंटरनेट बैंकिंग और यूपीआई के ज़रिए ही पैसों का भुगतान होता है। आपका बैंक खाता ऐप से लिंक होता है इसलिए ठगी करना उनके लिए आसान होता है। लिहाज़ा रिवॉर्ड नहीं मिलता लेकिन आपकी निजी जानकारी उनके पास होती है और बैंक खाता भी ख़ाली होने की आशंका होती है। आमतौर पर ये ऐप प्ले स्टोर में नहीं होते, उन्हें लिंक के ज़रिए डाउनलोड किया जाता है।
कॉल और लिंक्स
कई बार फर्जी कॉल्स भी आ सकते हैं, जिसमें ठग किसी प्रसिद्ध और विश्वसनीय यूपीआई कंपनी के नाम का सहारा लेकर आपके कैश प्राइज़ जीतने का दावा करेगा। वो आपको आपके नाम से बुलाएगा। मैसेज पर लिंक भेजकर उस पर क्लिक करने के लिए कहेगा। यह लिंक वायरस हो सकता है जिस पर क्लिक करते ही आपका डेटा चोरी हो सकता है या खाते में जमा पैसा निकाला जा सकता है। इसी तरह मैसेंजर पर परिचित द्वारा लिंक भी भेजा जा सकता है जिस पर क्लिक करने या पांच-दस दोस्तों को भेजने पर रिवॉर्ड मिलने जैसे दावे होते हैं। यह भी डेटा चोरी का तरीक़ा है।
फ्रीलांसिंग के ऐप
ये ऐप्स फ्रीलांसिंग का काम देते हैं, जैसे कि टाइपिंग, डेटा एंट्री, वीडियो या एड देखने पर पैसे मिलना आदि। फोनकॉल के ज़रिए भी प्रस्ताव मिल सकता है। शुरुआत में छोटे-छोटे काम सौंपते हैं और पैसे भी देते हैं। कुछ समय के बाद बड़ा काम देने लगते हैं और कुछ दिनों के बाद संपर्क ही ख़त्म कर देते हैं।
सर्वे रिवॉर्ड
इसमें किसी वीडियो या वस्तु से जुड़े सवाल पूछे जा सकते हैं। लोकेशन ऑन होने के कारण उन्हें यह भी पता होता है कि आप कब और कहां गए थे, जिसके संबंध में सवाल हो सकते हैं। सर्वे पूरा करने पर कुछ रुपये मिलते हैं जिनका इस्तेमाल ऑनलाइन ख़रीदारी में कर सकते हैं।
निवेश के लिए ऐप
कुछ ऐप्स पैसे लगाकर दोगुना करने का दावा करते हैं। इनमें छोटी से लेकर बड़ी रक़म तक निवेश कर सकते हैं। शुरुआत में 10 रुपये लगाने पर जब ग्राफ़ बढ़ता है तो लालच बढ़ता जाता है, फिर व्यक्ति बड़ी रक़म लगाने लगता है और जैसे ही धनराशि बढ़ती है ग्राफ़ नीचे आ जाता है, सारा पैसा डूब जाता है।
सुरक्षा के लिए जानकारी है ज़रूरी
- कोई भी ऐप डाउनलोड करने से पहले रिव्यू ज़रूर पढ़ें। हालांकि सोशल मीडिया पर कई रिव्यू के वीडियो ऐसे मौजूद हैं जो इनकी तारीफ़ करेंगे और कहेंगे कि उन्होंने एक महीने के अंदर घर और कार ख़रीद ली है आदि। उन्हें इसके लिए पैसे मिलते हैं। कुछ रिव्यूअर सिर्फ़ उन ऐप या वेबसाइट के बारे में बताते हैं, वे सही हैं या फर्जी, इसकी जांच नहीं करते। बेहतर होगा कि उन यूज़र्स के रिव्यू पढ़ें जिन्होंने उसे चार से कम रेटिंग दी हैं।
- अधिकांश उपभोक्ता ऐप इंस्टॉल करने से पहले ‘नियम और शर्तों’ को कभी नहीं पढ़ते। फर्जी ऐप या वेबसाइट से मैलवेयर (ऐसा सॉफ्टवेयर जो संवेदनशील जानकारी चुरा सकता है) कम्प्यूटर या मोबाइल तक तेज़ी से पहुंच सकता है।
- ऐसी किसी ऐप या वेबसाइट का इस्तेमाल न करें जो जल्दी पैसे कमाने का भरोसा दिलाती है। विशेषज्ञों के अनुसार अधिकतर ये नकली होती हैं जिसमें व्यक्ति सिर्फ़ निवेश करता जाता है पर हासिल कुछ नहीं होता।
- किसी नई और अनजान वेबसाइट या ऐप पर लॉगइन न करें, क्योंकि लॉगइन के साथ ही आप अपना डेटा उससे साझा कर रहे होते हैं।
- ऑनलाइन लेन-देन के लिए अलग खाता रखें जिसमें 50 हज़ार से कम रक़म मौजूद हो। साथ ही ज़रूरत न होने पर मोबाइल लोकेशन बंद करके रखें।
- अपने फोन में कोई भी ऐप डाउनलोड करने से पहले जांच लें कि वह प्ले स्टोर पर वेरीफाइड है या नहीं।
0 टिप्पणियाँ