गणेश चतुर्थी पर खजराना गणेश को सवा लाख मोदक का भोग लगेगा। इस स्वादिष्ट मोदक को आप अपने घर पर बना सकते है।इंदौर के खजराना गणेश मंदिर के मोदक की रेसिपी। पढ़िए पिछले कई वर्षों से खजराना गणेश मंदिर में मोदक और लड्डू बनाने वाले कमलेश व्यास की ही जुबानी इन मोदक को बनाने की रैसिपी...
चलिए आपको बताते है कि आप कैसे अपने घर पर इन मोदक को तैयार कर सकते हैं...
ये लगेगा सामान, ऐसे होगा तैयार
मंदिर में मोदक तैयार करने वाले कमलेश व्यास के मुताबिक घर पर मोदक बनाने के लिए आपके मैदा, गुड, शुद्ध घी, तिल्ली, मूंगफली के दाने, ड्राई फ्रूट, खोपरा बुरा लगेगा। 1 किलो मैदे में 300 ग्राम मोयन, 300 ग्राम घी, 3 ग्राम बेकिंग सोड़ा और 180-200 ग्राम पानी लगेगा। मोदक में भरावन के लिए 400 ग्राम तिल्ली, 200 ग्राम मूंगफली के दाने (बिना छिलके वाले), 600 ग्राम गुड, इसके साथ ही ड्राई फ्रूट और 60 ग्राम खोपरा बुरा भी।
ऐसे आसानी से बनाएं खजराना गणेश मंदिर में बनने वाले मोदक
मैदा में मोयन और पानी डालकर उसे तैयार कर लीजिए। तिल्ली को लो फ्लैम पर सेंक ले और इसके बाद इसे दरदरा पीस लें। इसके बाद मूंगफली के दाने अच्छे से सेक ले और फिर पीस ले। फिर गुड़ की चाश्नी तैयार कर लीजिए। गुड़ की चाश्नी में तिल्ली और पीसे दाने डाल दीजिए। इसके साथ ही इसमें खोपरा बुरा भी मिक्स कर गुड़ की चाश्नी में डालकर इसका मसाला तैयार कर लीजिए। ठंडा करने के बाद इसके गोले बना ले और जो मैदा तैयार किया है उसमें उसे डालकर मोदक का आकर देकर घी में 30 से 40 मिनिट हल्की आंच पर तल ले।
खजराना गणेश मंदिर में तैयार हुए सवा लाख मोदक
इंदौर के खजराना गणेश मंदिर में गणेश चतुर्थी पर सवा लाख मोदक का भोग भगवान गणेश को लगेगा। इसके लिए पिछले कई दिनों से मंदिर परिसर में ही मोदक को बनाने का काम जारी है। करीब हफ्ते भर की मेहनत के बाद ये भोग तैयार किया गया है। कमलेश व्यास के मुताबिक वे कई सालों से भगवान के इस भोग को तैयार कर रहे है। मोदक के अलावा मंदिर में रोजाना 11-11 हजार विभिन्न प्रकार के लड्डूओं का भोग भी लगेगा।
सवा लाख मोदक बनाने में इतना लगता है सामान
मैदा - 750 kg शुद्ध घी - 450 से 500 kg गुड़ - 500 kg मूंगफली दाना - 250 kg तिल्ली - 600 kg खोपरा बूरा - 50 kg
जानिए खजराना गणेश मंदिर का क्या है इतिहास...
आठ पीढ़ी पहले गणेशजी ने स्वप्न में दिए थे दर्शन
विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर देवी अहिल्याबाई होलकर के समय का है। मंदिर के पुजारी पं. अशोक भट्ट के मुताबिक उनके परिवार के मूल पुरुष वैद्य मंगलमूर्ति भट्ट को करीब आठ पीढ़ी पहले भगवान गणेशजी ने स्वप्न में कहा था कि तुम जहां गाय चराते हो वहां मैं हूं, मुझे यहां से निकालो। इस पर उन्होंने मां अहिल्या देवी होलकर के दरबार में निवेदन किया। तब उन्होंने अपने दूत भेजकर यहां से गणेशजी की मूर्ति को निकाला। वे मूर्ति को राजबाडा के पास स्थापित करना चाह रहे थे। इस बीच वैद्य भट्ट ने मूर्ति को उठाकर यहां एक टीले पर रखा दिया। इसके बाद से मूर्ति को कोई हिला नहीं सका। इस पर अहिल्या बाई ने यहीं इनका मंदिर बना दिया और तब से ही यह चमत्कारिक मूर्ति श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी करती है। मंदिर के पुजारी पं. अशोक भट्ट के मुताबिक 1733 में देवी अहिल्या ने इसका जीर्णोद्धार किया था।
एक किंवदंती यह भी…
पं. अशोक भट्ट के अनुसार यह भी कहा जाता है कि कालांतर में यह मंदिर परमार कालीन मंदिर था। उस दौरान जब औरंगजेब दक्षिण भारत पर आक्रमण करने यहां से जा रहा था तो तत्कालीन पुजारियों ने इस मूर्ति को छिपा दिया था। इसका कारण यह था कि औरंगजेब इस मूर्ति को खंडित करके मंदिर को तोड़ना चाहता था। बाद में वैद्य मंगलमूर्ति भट्ट ने इसे यहां स्थापित किया।
बिग बी की अगाध श्रद्धा, भारतीय क्रिकेटर के लिए सिलेक्टर
इस विश्व प्रसिद्ध मंदिर को लेकर लोगों का विश्वास है कि यहां वे जो भी मनोकामना करते हैं वह अवश्य पूरी होती है। सदी के महानायक अभिताभ बच्चन भी रोज यहां से जो फोटो-वीडियो सेंड करते हैं उन्हें लाइक व शेयर भी करते हैं। भारतीय टीम के कई क्रिकेटर खजराना गणेश को अपना सिलेक्टर मानते हैं। भारत ही नहीं विश्वभर के लोग भी जो इंदौर आते हैं, खजराना गणेश के दर्शन अवश्य करते हैं।
खजराना मंदिर में आज से दस दिनों तक महोत्सव
मंदिर में 10 दिवसीय श्री गणेश चतुर्थी महोत्सव का शुभारंभ 31 अगस्त को प्रातः 10 बजे कलेक्टर मनीष सिंह करेंगे। इस अवसर पर आयुक्त नगर निगम सुश्री प्रतिभा पाल भी मौजूद रहेंगी। महोत्सव का शुभारंभ भगवान श्री गणेश जी के पूजन तथा ध्वजा पूजन से होगा। प्रथम दिवस भगवान गणेश को सवा लाख का मोदक का भोग लगाया जाएगा। शेष दिनों में ड्रायफ्रुट एवं अन्य प्रकार के अनाजों से निर्मित लड्डुओं का भोग लगेगा।
रोज होगी गणेश पुराण कथा
महोत्सव के तहत प्रतिदिन श्री गणेश पुराण कथा श्री मंदिर महल में नित्य दोपहर 3:30 बजे से शाम 6.30 बजे तक प्रख्यात एवं कथावाचक राजेश ऋषिराज मिश्रा करेंगे। प्रतिदिन रात्रि साढ़े 8 बजे से भक्तिमय संगीत की प्रस्तुति होगी। प्रतिदिन फूलों का आकर्षक श्रंगार किया जायेगा। मंदिर में विशेष साज-सज्जा होगी।
सुबह 5 से रात 8 बजे तक ये रहेगी दर्शन व्यवस्था
गणपति मंदिर खजराना में आने वाले दर्शनार्थी रिंगरोड से माता कालका मंदिर के सामने वाले द्वार से प्रवेश करेंगे। झिगझेग से होते हुए संचेयनी द्वार में से मुख्य प्रांगण में प्रवेश करेंगे। जिसमें स्टेपिंग के माध्यम से दर्शनार्थियों द्वारा दर्शन लाभ लिया जा सकेगा। दर्शनार्थियों के लिए निकासी मार्ग मंदिर प्रांगण स्थित सांई बाबा मंदिर की ओर से किया गया है। मंदिर परिसर से बाहर गणेश पुरी से निकासी मार्ग होते हुये वापस रिंगरोड पर जा सकेंगे। अगले दस दिनों तक मंदिर में श्रद्धालु सुबह 5 बजे से रात्रि 8 बजे तक दर्शन लाभ ले सकेंगे।
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