एबी रोड पर इंडस्ट्री हाउस के सामने 22 व 23 ओल्ड पलासिया की 30 हजार वर्ग फीट जमीन पर बने करीब 100 करोड़ के मॉल पर मंगलवार सुबह 5 बजे से निगम का बुलडोजर चला। मॉल में करीब 10 हजार वर्गफीट अवैध निर्माण मिला। मॉल नीरज पंजवानी के नाम पर है।
निगम अधिकारियों का कहना है कि मार्च व मई में नोटिस दिए गए थे। सोमवार को भी नोटिस दिया। कोई जवाब नहीं मिला तो पांच पोकलेन, चार जेसीबी से अवैध हिस्सा तोड़ दिया। फ्रंट एलिवेशन के साथ सेटबैक की जमीन का सीमेंटीकरण भी उखाड़ दिया। सवाल यह है कि जब निर्माण हो रहा था, तब जिम्मेदार क्या कर रहे थे।
अधिवक्ता अंशुमन श्रीवास्तव बताते हैं, नपा अधि. की धारा 302 से 308 में लगातार जांच के अधिकार हैं। भूमि विकास अधि. की धारा 7 व 35 में बीओ गलत बन रहे भवन का नक्शा निरस्त कर अवैध निर्माण तोड़ सकता है। अफसर नक्शा मंजूर कर छोड़ नहीं सकते। निर्माण पर सतत नजर रखना उनकी जिम्मेदारी है।
बीओ की जिम्मेदारी है निर्माण की मॉनिटरिंग करना
बिल्डिंग ऑफिसर पर जोन में हो रहे निर्माण की जिम्मेदारी होती है। क्षेत्र की बीओ गजल खन्ना हैं। बिल्डिंग तोड़ते समय वे वहीं थीं। इतना अवैध निर्माण हो गया, तब वे कहां थीं, प्लिंथ सर्टिफिकेट जारी हाेने के बाद ऊंचाई ज्यादा कैसे मिली? इसका जवाब उनके पास नहीं था।
नक्शा पास करते समय निरीक्षण की मोटी फीस लेता है निगम
निगम के रिटायर्ड इंजीनियर एसके बायस कहते हैं कि बायलॉज में प्रावधान हैं कि निर्माणाधीन भवनों का कब-कब निरीक्षण करना है। निगम के अधिकारी को बिल्डिंग बनने तक निरीक्षण करना होता है। इसके लिए नक्शा पास करवाने के समय ही निगम मोटी फीस भी वसूलता है।
सीधी बात- संदीप सोनी, अपर आयुक्त, बिल्डिंग सेक्शन इंचार्ज
बिल्डिंग मालिक को कितनी बार नोटिस दिए गए?
- मार्च व मई में दो नोटिस दिए। सोमवार को भी दिया गया था।
प्लिंथ सर्टिफिकेट व कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी हुआ था?
- प्लिंथ सर्टिफिकेट दिया था, कंप्लीशन व ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट नहीं दिया गया था।
जब यह बन रही थी, तब क्यों नहीं देखा?
- नक्शा स्वीकृत कराने का मतलब यही है कि उसके अनुसार ही निर्माण करना है। हम ऐसे देखने नहीं जाते। जब व्यक्ति ओसीसी के लिए आवेदन करता है तब निरीक्षण करते हैं।
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