- बिना आकलन के ही जारी कर दी शिक्षकों की ड्यूटी की सूची
- सरकारी स्कूलों में अगले 10 दिनों की अघोषित छुट्टी
एक तरफ तो सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लगातार नई-नई योजना ला रही है, वहीं दूसरी ओर शिक्षकों की ड्यूटी सरकारी कार्यों में लगाई जा रही है, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। शनिवार से शुरू हुए मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के सर्वे में सरकारी स्कूलों के करीब 150 शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी गई, जिसके चलते 2 हजार से ज्यादा बच्चे पढ़ाई से वंचित हो गए।
शिक्षकों के अभाव में स्कूलों में बच्चे इधर-उधर घूमते नजर आए। शिक्षकों के नहीं होने पर बच्चों को घर भेज दिया और अगले 10 दिनों के लिए अघोषित छुट्टी के आदेश दे दिए गए। जिम्मेदारों ने पढ़ाई के नुकसान के आकलन के बिना ही शिक्षकों की सूची जारी कर दी।
त्रैमासिक परीक्षा करीब
कोरोना के कारण 2 सालों तक स्कूल नहीं खुले। अब स्कूलों में त्रैमासिक परीक्षा का समय है, फिर भी शिक्षक बच्चों को पढ़ाने की जगह सर्वे में लगे हैं।
सरकारी स्कूलों में अगले 10 दिनों की अघोषित छुट्टी
- 02 हजार से ज्यादा बच्चों की पढ़ाई होगी प्रभावित
- 25 से अधिक सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की ड्यूटी लगाई
- 31 अक्टूबर तक चलेगा सर्वे
31 अक्टूबर तक चलेगा सर्वे
मुख्यमंत्री की खाद्य विभाग की चिह्नांकित योजना का लाभ सभी हितग्राहियों को मिले। इसके चलते प्रदेश में 37 लाख और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 7 लाख हितग्राहियों को लाभांवित किया जाना है। जिले में उज्ज्वला योजना का काम पूरा हो चुका है और सर्वे के बाद पात्र लोगों को कनेक्शन जारी किए जाएंगे। वहीं राशन प्रदान किए जाने वालों में 5 लाख 36 हजार 600 पात्र सदस्यों को जोड़ना है। इन योजनाओं का सर्वे 31 अक्टूबर तक चलेगा।
दिव्यांग की भी ड्यूटी
सर्वे में कुछ दिव्यांग अध्यापकों की भी ड्यूटी लगाई। वे बैसाखी के साथ सर्वे करने पर मजबूर थे। इसके साथ ही प्रिंसिपल को भी अध्यापक में शामिल कर ड्यूटी लगा दी गई। अध्यापकों को अपना क्षेत्र छोड़ दूसरे एरिया में भेज दिया गया। कई शिक्षक सर्वे के दौरान लोगों का घर ढूंढने में परेशान होते रहे। सिरपुर, बक्षीबाग, खजराना और संगम नगर सहित करीब 25 से अधिक स्कूलों के सभी टीचरों की ड्यूटी लगा दी गई।
शासन का ही आदेश था, जल्दबाजी में सूची जारी कर दी
शासन के आदेश के कारण शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई। शासन द्वारा जल्दी सूची मांगी गई थी, इसलिए हमें समय कम मिला और आनन-फानन में सूची जारी कर दी गई। हमें कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी की सूचना मिली है। हम संशोधन कर रहे हैं। शिक्षकों से भी उम्मीद कर रहे हैं कि वे सर्वे के साथ बच्चों की पढ़ाई पर भी ध्यान दें।
- मंगलेश व्यास, जिला शिक्षा अधिकारी, इंदौर
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