- इन चिह्नित जिलों में कुछ लोगों के अफगानिस्तान से लौटकर आने का अनुमान
इंदौर, भोपाल और ग्वालियर समेत प्रदेश के 16 जिलों में पोलियो का संक्रमण फैलने की आशंका है। इसको ध्यान में रखते हुए यहां 18 सितंबर को विशेष पल्स पोलियो अभियान चलाकर 0 से 5 साल तक के बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाई जाएगी। इन चिह्नित जिलों में कुछ लोगों के अफगानिस्तान से लौटकर आने का अनुमान है। इसके अलावा केंद्र सरकार की टेक्निकल कमेटी ने दूसरे मापदंडों को ध्यान में रखकर प्रदेश के 16 जिलों को हाई रिस्क की श्रेणी में रखा है।
दरअसल, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में अभी पोलियो वायरस सक्रिय है। पिछले साल जब अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा किया तो इस दौरान यहां से निकले लोग दुनिया के अनेक देशों में गए। यूएसए और मलावी समेत एक दो अन्य देशों में पोलियाे वायरस पाया गया है। आशंका है कि अफगानिस्तान से माइग्रेट हुए लोगों के कारण यह वायरस दूसरे देशों में पहुंचा होगा। इसी को ध्यान में रखते हुए हाई रिस्क जिलों में पल्स पोलिया अभियान चलाया जा रहा है।
भोपाल में वर्तमान में 0 से पांच साल तक के 3.50 लाख बच्चे
राजधानी में 0 से 5 साल तक के करीब 3.50 लाख बच्चे हैं, 18 सितंबर को स्वास्थ्य संस्थाओं के अलावा अन्य चिह्नित स्थानों पर शिविर लगाकर पोलिया ड्रॉप पिलाई जाएगी। इसके बाद 19 और 20 सितंबर को टीमें घर-घर जाकर बच्चों को दवाई पिलाएंगी।
इन जिलों में पिलाई जाएंगी दो बूंद जिंदगी की
इंदौर, नीमच, खरगोन, मंदसौर, भोपाल, ग्वालियर, विदिशा, सतना, भिंड, दतिया, श्योपुर, कटनी, नरसिंहपुर, निवाड़ी, टीकमगढ़ और छिंदवाड़ा।
संक्रमण की आशंका को देखते हुए ही केंद्र सरकार ने प्रदेश के 16 जिलाें को पल्स पोलियो अभियान में शामिल किया है। हम 0 से 5 साल तक के सभी बच्चों को 100 प्रतिशत पोलियो ड्रॉप पिलाएंगे।
-डॉ. संतोष शुक्ला, राज्य टीकाकरण अधिकारी
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