- स्वच्छता रैंकिंग जारी होने से पहले निगम के सामने नई चुनौती
- 100 गाड़ियां ऐसी, जिन्हें ठीक करना मुश्किल
स्वच्छता रैंकिंग जारी होने से पहले कचरा नहीं उठने की शिकायतों ने निगम की चुनौती बढ़ा दी है। दो महीने पहले तक 250 के करीब शिकायतें निगम कंट्रोल रूम पहुंच रही थीं, अब डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में गाड़ियां नहीं पहुंचने की रोज औसत 300 शिकायतें निगम के पास पहुंच रही हैं। इससे निपटने के लिए निगम नई सीएनजी कचरा गाड़ियां खरीद रहा है। 50 सीएनजी गाड़ियां खरीदी हैं। 60 डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन गाड़ियां और आने वाली हैं। खरीदी प्रक्रिया शुरू करवा दी है। 25 ओपन गाड़ियां मंगवाई जा रही हैं, जो दिल्ली से आ रही हैं। 45 रिक्शा गाड़ी सहित 75 सीएनजी वाहन निगम के पास पहले से मौजूद है।
30 गाड़ियों को डबल शिफ्ट में लगाया, फिर भी परेशानी कायम
निगम रोजाना 574 गाड़ियां चला रहा है। इनमें से रोजाना औसतन 25 से 30 गाड़ियां ऐसी हैं, जो किसी भी जगह बंद पड़ जाती हैं। इसलिए इन रूट पर अन्य रूट की गाड़ियों को भेजा जा रहा है। रोजाना करीब 30 से 40 गाड़ियों को उनके रूट का काम पूरा होने के बाद अन्य रूट पर डायवर्ट किया जा रहा है। उन्हें डबल राउंड लगाना पड़ रहा है। निगमायुक्त प्रतिभा पाल का कहना है अफसरों को निर्देश हैं कि ट्रैक्टर हो, रिक्शा गाड़ी हो या अन्य गाड़ी, कहीं भी सड़क पर कचरा पड़ा नहीं मिलना चाहिए। यदि किसी रूट पर गाड़ी खराब होने की सूचना मिलती है तो अन्य रूट की गाड़ी को वहां भेजा जाए।
- 800 से 1000 घर एक कचरा वाहन के जिम्मे
- 07 साल पुराने वाहन तक उपयोग कर रहे
- 15 घंटे औसत चल रही एक गाड़ी
- 472 रूट पर दौड़ रही हैं कचरा गाड़ियां
- 70 फीसदी से ज्यादा गाड़ियां खटारा हो चुकीं
574 कुल गाड़ियां हैं। इनमें से 100 इस हालत में है कि उन्हें ठीक करना मुश्किल है। यह 8 से 10 साल पुरानी हैं। वर्कशॉप प्रभारी मनीष पांडे ने बताया कि कंपनी ने यह मॉडल बनाना बंद कर दिए हैं, इसलिए इनके पार्ट्स नहीं मिलते हैं। बारिश के दिनों में आमतौर पर गाड़ी में खराबी की समस्या ज्यादा आती है लेकिन बारिश रुकते ही समस्या नहीं रहेगी।
महापौर की 12 से ज्यादा बैठकें, सबमें कचरा गाड़ी की शिकायतें
महापौर पुष्यमित्र भार्गव के अगस्त पहले सप्ताह में पदभार संभालने के बाद 12 से ज्यादा बैठकें पार्षदों के साथ की हैं और सबमें शिकायतें कचरा गाड़ियां की मिली। एमआईसी की पहली अनौपचारिक बैठक में भी यह मुद्दा सामने आया कि गाड़ियां पुरानी होने से कचरा समय पर नहीं उठ रहा।
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