- छात्रा को परीक्षा में फर्जीवाड़े की आशंका
10वीं और 12वीं में क्रमश: 85 और 80 फीसदी अंक लाने वाली होनहार छात्रा लीपाक्षी पाटीदार के पैरों तले जमीन उस वक्त हिल गई जब उसके हाथ में नीट की आंसर शीट लगी। परीक्षा शुरू होने के वक्त प्रश्न पत्र जैसा खाली मिलता है, वैसा ही उसे परिणाम जारी होने के बाद मिला।
आंसर शीट के साथ ही ओएमआर शीट भी खाली मिली। बालिका ने अधिवक्ता धर्मेंद्र चेलावत के जरिए अब इस मामले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। 17 जुलाई को नीट देशभर में हुई थी। बकौल लीपाक्षी 200 में से 161 प्रश्नों के जवाब दिए थे। परिणाम जारी हुए और आंसर शीट, ओएमआर शीट खाली मिली तो मैं सदमे में आ गई।
परीक्षा के दिन के दस्तावेज मैंने डाउनलोड किए तो उनमें अंतर दिख रहा है। परीक्षा हॉल के पर्यवेक्षकों ने दो घंटे के अंतराल से हस्ताक्षर किए थे, लेकिन मेरी शीट पर दोनों का समय समान है। बाॅक्स में मैंने अंगूठा भी लगाया था तो वो बाॅक्स की लाइन पर आ गया था। जो डाउनलोड किया उसमें अंगूठा ठीक बीच में लगा हुआ है।
कोई छात्र बिलकुल भी तैयारी न करे तो भी वह परीक्षा में कुछ प्रश्न तो हल करके आता है, लेकिन मेरी शीट तो ब्लैंक ही निकली। छात्रा ने याचिका में मांग की है कि हाई लेवल कमेटी बनाकर असल दस्तावेज की जांच कराई जाए। जो पेपर मैंने हल किया है, वह कोर्ट के समक्ष पेश किया जाए। हाई कोर्ट जल्द ही इस पर सुनवाई करेगा।
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