इस बार शारदीय नवरात्र 26 सितंबर से 4 अक्टूबर तक रहेंगे। सोमवार से देवी आराधना का पर्व शुरू होना शुभ रहेगा। इस वार की वजह से इस बार देवी का वाहन हाथी रहेगा। वैसे तो देवी का वाहन शेर है, लेकिन हर नवरात्रि पर मां दुर्गा धरती पर अलग-अलग वाहन पर सवार होकर आती हैं। देवी के अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आने से इसका अलग-अलग शुभ-अशुभ फल बताया गया है। वहीं, दशमी तिथि बुधवार को होने से देवी हाथी पर सवार होकर ही वापस जाएगी।
देवी भागवत के अनुसार माता दुर्गा जिस वाहन से पृथ्वी पर आती हैं, उसके अनुसार साल भर होने वाली घटनाओं का भी आंकलन किया जाता है। पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि देवी का वाहन हाथी होना शुभ रहता है। ऐसा होने से साल भर पानी ज्यादा बरसता है। मां का वाहन हाथी ज्ञान व समृद्धि का प्रतीक है। जिसकी वजह से देश के लोगों के सुखों तथा ज्ञान की वृद्धि होगी व यह समृद्धि का सूचक है। इससे सुख बढ़ेगा। देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। इसलिए ये नवरात्रि शुभ रहेगी।
इस साल शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू होंगे जो कि 4 अक्टूबर तक चलेगी। साल में चार नवरात्रि होती है जिसमें से दो गुप्त और अन्य दो प्रत्यक्ष नवरात्रि कहलाती है। शारदीय नवरात्रि आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर नवमी तिथि तक चलते हैं। शरद ऋतु में आने वाली इस नवरात्रि में देवी की आराधना से शक्ति बढ़ती है।
कैसे पूजा करें
1. नवरात्रि में देवी को शृंगार का सामान चढ़ाना चाहिए। नारियल और साड़ी जरूर चढ़ानी चाहिए। सुहाग का सामान और गुड़हल का फूल चढ़ाने से देवी प्रसन्न होती हैं। इससे मनोकामना पूरी होती है।
2. नौ दिनों तक व्रत या उपवास करना चाहिए। इससे सेहत अच्छी रहती है और तप बढ़ता है। नवरात्रि में इस तरह से देवी की आराधना करने से शक्ति और उम्र बढ़ती है।
3. नवरात्रि में जरुरतमंद लोगों और कन्याओं को खाना खिलाने का विधान देवी भागवत में बताया गया है। ऐसा करने से सुख और समृद्धि बढ़ती है।
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