15 सितंबर से शुरू हो जाएगी रबी की बुआई
मानसून में अच्छी बारिश के साथ इस बार फसलों की बुआई ने भी नए रिकॉर्ड बनाए हैं। खरीफ (धान, मक्का, सोयाबीन, उडद आदि) सीजन में प्रदेश में पिछले साल के मुकाबले बुआई का रकबा 20 लाख हेक्टेयर बढ़ा है। वहीं रबी (गेहूं, जौ, चना, सरसों आदि) के लिए भी कृषि विभाग ने बुआई का अनुमान संशोधित किया है। प्रदेश में 15 सितंबर से रबी की बुवाई शुरू हो जाएगी। प्रारंभिक अनुमानों में रबी का रकबा 112 लाख हेक्टेयर रखा गया था, लेकिन अच्छी बारिश के चलते इस बार बांधों में पानी की भारी आवक हुई है।
इससे सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध रहेगा। ऐसे में रबी का रकबा बढ़ाकर 116 लाख हेक्टेयर किया गया है। रबी के लिए सरसों और चना फसल की बुआई 15 सिंतबर से शुरू हो जाएगी। ऐसे में यूरिया व डीएपी की मांग बढ़ गई है। हालांकि, इसे लेकर सियासत भी गरमाने लगी है। कांग्रेस का आरोप है कि तय कोटे से कम उर्वरक सप्लाई की जा रही है। इसमें 96 हजार मैट्रिक टन यूरिया व 43 हजार मैट्रिक टन डीएपी कम आवंटित हुआ।
283 बांध ओवरफ्लो 231 में आवक जारी
राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर, काेटा बैराज, गांधी सागर, बीसलपुर और माही बजाज सागर जैसे बड़े बांध पूरे भर चुके हैं।
खरीफ समय पर बारिश से रिकॉर्ड उत्पादन की आस
बारिश का सबसे ज्यादा फायदा खरीफ में देखने को मिला है। लगातार बारिश से रिकॉर्ड उत्पादन की आस है। इस बार खरीफ में 1.62 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में फसल बोई गई। पिछले खरीफ सीजन में 1.41 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में ही बुआई हुई थी। यानी इस बार रकबा करीब 21 लाख हेक्टेयर बढ़ा है। साल 2020 के खरीफ सीजन में 1.48 करोड़ हेक्टेयर में फसल बोई गई थी। मौजूदा सीजन में सबसे ज्यादा बुआई बाजरे और ग्वार की हुई। करीब 45 लाख हेक्टेयर में बाजरा, 30 लाख हेक्टेयर में ग्वार बोई गई है।
इसके अलावा करीब 6.80 लाख हेक्टे. में ज्वार, 9.45 लाख हेक्टे. में मक्का की बुअई हुई। करीब साढ़े 11 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बाेई गई है। हालांकि, हाड़ौती में अतिवृष्टि की वजह से ज्यादातर जगहों पर सोयाबीन को नुकसान हुआ है।
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