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कांग्रेस की बैठक:संगठन के अहम पदों पर होना हैं चुनाव, एक लाइन का प्रस्ताव; अहम पदों पर चुनाव सोनिया पर छोड़ा

प्रदेश से चुने गए 487 पीसीसी डेलीगेट्स की पहली बैठक - Dainik Bhaskar

प्रदेश से चुने गए 487 पीसीसी डेलीगेट्स की पहली बैठक
  • प्रदेश से चुने गए 487 पीसीसी डेलीगेट्स की पहली बैठक

प्रदेश भर से चुने गए 487 पीसीसी डेलीगेट्स की शनिवार को मानस भवन में पहली बैठक हुई। इसमें कांग्रेस संगठन के अहम पदों पर चुनाव के लिए एक लाइन का प्रस्ताव पारित कर सारे अधिकार राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दिए गए। संगठन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, प्रदेश कार्यसमिति और एआईसीसी डेलीगेट्स के चुनाव होना है। पीसीसी डेलीगेट्स 125 एआईसीसी डेलीगेट्स का चुनाव करेंगे जो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में भाग लेंगे।

राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया 24 सितंबर से शुरू हो रही है जो 20 अक्टूबर तक चलेगी। इस दौरान अध्यक्ष पद के लिए सर्वसम्मति से एक ही नाम होने पर 1 अक्टूबर तक प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। एक से ज्यादा नाम आने पर चुनाव कराया जाएगा। शनिवार को हुई बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, प्रदेश चुनाव प्राधिकरण अधिकारी आरसी खुंटिया, प्रदेश कांग्रेस के नए प्रभारी जयप्रकाश अग्रवाल समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। इस दौरान नाथ ने साफ तौर पर कहा कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता मैदान में सीना तानकर जाएं और हमारी पिछली पंद्रह महीने की सरकार के लिए गए फैसलों के बारे में बताएं।

नारेबाजी पर बोले अग्रवाल - सिर्फ कांग्रेस जिंदाबाद के नारे लगाएं

बैठक में चुने गए प्रदेश पदाधिकारियों द्वारा अपने नेता के समर्थन में नारेबाजी करने पर प्रभारी जयप्रकाश अग्रवाल ने उन्हें रोक दिया और कहा कि आप पदाधिकारी कांग्रेस की वजह से बने हैं। इसलिए सिर्फ कांग्रेस जिंदाबाद के नारे लगाएं। मैं जिलों में जाकर जिलाध्यक्षों और पदाधिकारियों से मिलूंगा।

नाथ ने कहा- भाजपा के पास पैसा, पुलिस और प्रशासन सब कुछ

कमलनाथ ने पीसीसी डेलीगेट से कहा कि कांग्रेस की संस्कृति हमेशा से जोड़ने की रही है और उसी के कारण आज देश का हर नागरिक एक झंडे के नीचे खड़ा है। नाथ ने कहा कि हमारा मुकाबला भाजपा और उसकी नीतियों से है। भाजपा के पास पैसा, पुलिस और प्रशासन है। आप लोग अभी से काम पर लग जाएं।

प्रस्ताव पारित करवाना भूले

​​​​​​​बैठक में अहम पदों पर चुनाव का फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपे जाने के बारे में मौखिक बता दिया गया। इस पर सीईओ खुंटिया ने कहा कि प्रस्ताव सभा मे पढ़ा जाए उसके बाद उसे पारित करवाया जाए। इसके बाद गोविंद सिंह ने प्रस्ताव पढ़ा, जिसका सबने समर्थन किया।

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