Header Ads Widget

Responsive Advertisement

सदाबहार पौधों से हमेशा गुलज़ार रखें अपनी बगिया

  • चाह तो है कि घर के आगे सुंदर-सा बग़ीचा हो या फ्लैट में ख़ूबसूरत फूलों से सजी बालकनी, पर ऐसा हर मौसम में कहां मुमकिन हो पाता है!
  • ख़ुश हो जाइए क्योंकि ऐसे सदाबहार पौधे हैं, जो आपका यह ख़्वाब पूरा  कर सकते हैं।

ज़्यादातर फूल वाले पौधे मौसम के अनुकूल होते हैं इसलिए लोगों की अक्सर शिकायत होती है कि मौसम बदलते ही वे सूख जाते हैं। लेकिन कुछ पौधे ऐसे भी होते हैं जो हर मौसम में न केवल लगाए जा सकते हैं बल्कि सालभर उनमें फूल भी आते रहते हैं। इन्हें बहुत ज़्यादा देखभाल की ज़रूरत भी नहीं होती। आइए जानते हैं इन पौधों व इन्हें लगाने के सही तरीक़ों के बारे में...

सही पौधों का चुनाव
सदाबहार बगिया के लिए सही पौधों का चयन सबसे ज़रूरी है। बोगनवेलिया, गुड़हल, चमेली, अपराजिता, रातरानी, सदाबहार, अडेनियम और गुलाब कुछ ऐसे ही पौधे हैं जिन्हें एक बार लगाने पर कई साल तक ये हरे-भरे रहकर अपनी महक बिखेरते रहते हैं।
सबसे अच्छी बात ये है कि सालभर में किसी भी समय ये पौधे लगाए जा सकते हैं। इनकी मदद से आप अपनी व्यस्त दिनचर्या के बावजूद बाग़वानी के शौक़ को आसानी से पूरा कर सकते हैं।

अपराजिता
तेज़ी से बढ़ने वाली अपराजिता बेल या विष्णुकांता का पौधा सालभर चलने वाला पौधा है। इसे बीज और कलम दोनों की मदद से गमले या ज़मीन में लगाया जा सकता है। इसमें नीले और सफेद रंग के फूल खिलते हैं। हल्की धूप और रोशनी में ये फूल घर के अंदर भी खिल सकते हैं।

बोगनवेलिया
यह पूरे साल बगिया की शोभा बढ़ाता है। बोगनवेलिया सफेद, गुलाबी, पीले सहित कई रंगों में मौजूद रहता है। यह एक सदाबहार पौधा है, जो खुली हवा और गर्म-शुष्क जलवायु पसंद करता है। नर्सरी से इसका तैयार पौधा ख़रीदकर या फिर कलम की मदद से भी इसे लगाया जा सकता है।

गुड़हल
इस पौधे में सफेद, पीले, लाल और गुलाबी रंग के फूल लगते हैं। सालभर खिलने के कारण ज़्यादातर घरों में इसे बहुत पसंद किया जाता है। बीज के अलावा कटिंग की मदद से भी यह सरलता से लगाया जा सकता है। यह गमले में भी आसानी से लग जाता है और ज़मीन में भी ख़ूब फलता-फूलता है।

चमेली
चमेली के पौधे को ज़्यादातर कलम काटकर लगाया जाता है। इसके फूल सफेद रंग के होते हैं पर कुछ क़िस्में पीले, नीले व गुलाबी रंग के फूल की भी होती हैं। इसी तरह रातरानी, ड्रेसीना, ट्रंपेट जैसे पौधों को भी कलम की मदद से लगाकर सदाबहार हरियाली का आनंद उठा सकते हैं।

सदासुहागन
यह बारहमासी फूल है। इसे अधिक पानी की ज़रूरत नहीं पड़ती है। इसमें नीले, बैंगनी, सफेद रंग के फूल होते हैं। इस पौधे को बीज और कटिंग दोनों तरह से उगाया जा सकता है। इसके छोटे पौधे में भी फूल जल्दी आते हैं और इसको अधिक देखभाल की आवश्यकता भी
नहीं पड़ती।

ऐसे लगाएं पौधे
1 50 प्रतिशत बाग़ीचे की सामान्य मिट्टी में 40 प्रतिशत गोबर की खाद और 10 प्रतिशत रेत या कोकोपिट के अनुपात में मिश्रण तैयार करें।

2 पौधों के लिए मिट्टी के गमले सबसे अच्छे होते हैं। आप सुविधानुसार अन्य तरह के गमले और पुराने कंटेनर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

3 गमले में मिट्टी भरने से पहले सुनिश्चित कर लें कि उसके तले में पानी निकालने के लिए पर्याप्त सुराख हो।

4 पौधे लगाने के बाद गमलों को ऊपर से क़रीब एक-तिहाई ख़ाली रखें ताकि पानी डालने पर मिट्टी और खाद बहकर बाहर न निकले।

यूं करें देखभाल
1 पौधे लगाने के बाद शुरू के 10-15 दिन पौधों का ज़्यादा ख़्याल रखना पड़ता है। लेकिन जब एक बार पौधे विकसित होने लगें, तो आप निश्चिंत हो सकते हैं।

2 पौधों के लिए धूप ज़रूरी होती है, इनडोर पौधों को भी थोड़ी देर के लिए धूप दिखानी चाहिए। गर्मियों में पौधों को कड़क धूप से बचाने के लिए नेट लगा सकते हैं।

3 मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए इसमें ऑर्गेनिक खाद डालते रहें। पौधे अधिकतर पोषक तत्व मिट्टी से ही लेते हैं। ऐसे में अगर बगिया या गमले की मिट्टी अच्छी नहीं होगी, तो पौधों में बीमारी या कीड़े लग सकते हैं।

4 गमलों या क्यारियों की मिट्टी को हवा और पानी अच्छी तरह मिलता रहे, इसके लिए पौधों की गुड़ाई करना ज़रूरी है। गमलों की मिट्टी में उंगली गाड़कर देखें। अगर मिट्टी बहुत सख़्त है तो गुड़ाई करें।

5 ज़्यादा पानी देने से जड़ों में गलन होने लगती है। इसलिए जब मिट्‌टी सूखने लगे, तभी पानी डालें।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ