Header Ads Widget

Responsive Advertisement

बाग़ीचे के साथ-साथ सेहत का ख़्याल रखना भी ज़रूरी है

  • घर की बगिया में पौधे लगाना और उनकी देखभाल करना कई बुज़ुर्गों की दिनचर्या का हिस्सा होता है।
  • लिहाज़ा इस उम्र में बाग़वानी के दौरान सुरक्षा का ध्यान रखना भी ज़रूरी है।

पेड़ -पौधे लगाना समय बिताने के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा माना जाता है। परंतु मिट्‌टी की गुड़ाई करने, गमलों को उठाने आदि के लिए ऊर्जा भी अधिक लगती है। ऐसे में यदि घर में बुज़ुर्ग हैं और बाग़वानी में दिलचस्पी रखते हैं तो कुछ बातों का ध्यान हमेशा रखें।
 बैठने की व्यवस्था
इस उम्र में पैर के जोड़ों में दर्द की समस्या रहती है और झुकने में परेशानी भी हो सकती है इसलिए यहां ध्यान देने की आवश्यकता है। यदि गमलों में पौधे लगा रहे हैं तो इन्हें किसी टेबल या बैंच पर रखें, फिर कुर्सी में बैठकर काम करें। यदि ज़मीन पर बाग़ीचा है तो फर्श पर घुटनों से टिककर बैठने के बजाय चटाई पर आराम से बैठें।
 टूल का इस्तेमाल
उम्र के साथ-साथ हाथों की पकड़ भी कमज़ोर हो जाती है। ऐसे में बाग़वानी के टूल पकड़ने से बुज़ुर्गों के हाथों में दर्द हो सकता है या उन्हें ठीक से पकड़ने में समस्या भी हो सकती है। लिहाज़ा टूल्स ऐसे चुनें जिनका वज़न कम हो और हैंडल पर रबर लगा हो ताकि पकड़ने में सहूलियत रहे।
 सही समय चुनें
बाग़वानी के लिए सही वक़्त चुनना भी ज़रूरी है। सुबह सूरज निकलने से पहले का समय उत्तम है। यदि सुबह का वक़्त आपके अनुसार उचित नहीं है तो ऐसा स्थान चुनें जहां छाया हो और तापमान भी संतुलित हो। ऐसे स्थानों पर रोशनी का ध्यान रखना भी ज़रूरी होगा।
 मदद लेना बेहतर
बाग़वानी में मिट्‌टी खोदने या मिट्‌टी के साथ खाद मिलाने में मेहनत लगती है। ऐसे में सारे काम ख़ुद करने के बजाय किसी की मदद लें। परिवार में बच्चों को अपना साथी बनाएं। गमले उठाना, मिट्‌टी खोदना, पानी उठाना, गमलों को व्यवस्थित करना जैसे कामों को स्वयं करने के बजाय उनकी मदद लें।
 पहनावा भी ज़रूरी
जब भी आंगन या बालकनी में बैठकर बाग़वानी करें तो त्वचा की सुरक्षा का भी ध्यान रखें। धूप और उसकी तपन से बचने के लिए हल्के कपड़े पहनें जो त्वचा को पूरी तरह से ढक सकें। सनस्क्रीन लगाना न भूलें। टोपी पहनें ताकि सिर और चेहरा भी सुरक्षित रहे। अगर हो सके तो सूजन की रोशनी से आंखों को बचाने के लिए सनग्लासेस पहनें। हाथों में गार्डनिंग वाले दस्ताने और पैरों में जूते पहनना न भूलें। जूते पहनने से चलने या मुड़ने में आसानी होगी। इसके अलावा शरीर को ठंडा रखने के लिए ठंडे पानी में भीगा तौलिया भी उपयोग कर सकते हैं ताकि शरीर को गर्मी से बचा सकें।
 वर्टिकल गार्डन
इस उम्र में अधिक झुकना या सामान उठाना सही नहीं है इसलिए वर्टिकल गार्डन का चुनाव कर सकते हैं। इसमें न तो झुकने की आवश्यकता होगी और न ही बार-बार उठने-बैठने की। खड़े होकर या बैठकर इस पर पौधे लगाए जा सकते हैं। वहीं छोटी-सी ट्रॉली में सारे टूल्स, गमले या मिट्‌टी रखकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जा सकते हैं। इससे काफ़ी सहूलियत रहेगी।

इन बातों का ध्यान रखें
बाग़वानी दिखने में आसान लगती है लेकिन छोटे-छोटे कामों में भी मेहनत लगती है। वहीं इस उम्र में शारीरिक क्षमता घटती जाती है और अधिक आराम की आवश्यकता होती है। इसलिए बगिया के साथ-साथ अपने शरीर और सेहत का ख़्याल भी रखें। बीच-बीच में पानी पिएं ताकि शरीर हाइड्रेट रहे।
लगातार काम करने के बजाय अंतराल में काम करें। दस मिनट काम करें, फिर कुछ मिनट आराम कर लें। लगातार काम करने की कोशिश करेंगे तो इससे चोट लगने की आशंका हो सकती है।
फर्श पर मिट्‌टी और पानी गिरने से फिसलन हो सकती है इसलिए अधिक चलने के बजाय, बैठकर काम करने की कोशिश करें। साथ ही जूते ऐसे पहनें जिनमें फिसलने की आशंका न हो।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ