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श्राद्ध पक्ष में पेड़-पौधे लगाने से संतुष्ट होते हैं पितृ:पीपल में होता है पितरों का वास और बरगद देता है मोक्ष, इसको साक्षी मान सीताजी ने किया था पिंडदान

श्राद्ध के दिनों में पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान और ब्राह्मण भोजन के साथ ही पेड़-पौधे लगाने का भी विधान है। जिससे पितर संतुष्ट हो जाते हैं। कुछ पेड़-पौधे सकारात्मक उर्जा देते हैं। इसलिए ग्रंथों में बताए गए शुभ पेड़-पौधे पितृ पक्ष में लगाए जाए तो पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

पुरी के ज्योतिषाचार्य और धर्म शास्त्रों के जानकार डॉ. गणेश मिश्र मुताबिक पीपल में देवताओं के साथ पितृ भी रहते हैं। इसलिए श्राद्ध पक्ष में पीपल का पेड़ खासतौर से लगाना चाहिए। इसके साथ बरगद, नीम, अशोक, बिल्व पत्र, तुलसी, आंवला और शमी का पेड़ लगाने से पर्यावरण को साफ रखने में तो मदद होगी ही। पितरों के साथ देवता भी प्रसन्न होंगे।

पीपल: पीपल को पवित्र माना गया है। पुराणों के अनुसार इसमें पितरों का वास होता है। इसलिए पीपल के पेड़ पर दूध में पानी और तिल मिलाकर चढ़ाना चाहिए। इससे पितर संतुष्ट होते हैं।

बरगद: शास्त्रों में बरगद को आयु देने वाला तथा मोक्ष देने वाला पेड़ माना गया है। बरगद के पेड़ को ही साक्षी मानकर माता सीता ने राजा दशरथ के लिए पिंडदान किया था। बरगद पर जल चढ़ाकर इसकी परिक्रमा करने से पितर प्रसन्न होते हैं।

बिल्वपत्र: इस पेड़ में देवी लक्ष्मी और पत्तों में भगवान विष्णु का वास होता है। भगवान विष्णु की पूजा से पितृ प्रसन्न होते हैं। इसलिए इस पेड़ पर भी दूध में गंगाजल मिलाकर चढ़ाना चाहिए।

अशोक: अशोक के पेड़ को शुभ माना गया है। इसमें भी भगवान विष्णु का वास होता है। इसलिए इस पेड़ को लगाने और इसकी पूजा करने से पितृ देवता संतुष्ट और प्रसन्न होते हैं।

तुलसी: तुलसी का पौधा लगाने और उसकी पूजा से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। भगवान विष्णु के प्रसन्न होने से पितर भी संतुष्ट हो जाते हैं। इसलिए तुलसी का पौधा पितृ पक्ष में लगाना चाहिए। तुलसी के पौधे में रोज जल डालने से भी पितृ प्रसन्न होते हैं।

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