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दूषित पानी की समस्या:बारिश की आड़ में उद्योगों का दूषित पानी चोरी-छिपे पहुंच रहा कान्ह तक, प्रदूषण बोर्ड ने शुरू की मॉनिटरिंग

मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कुछ दिनों से शिकायतें लगातार मिल रही - Dainik Bhaskar

मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कुछ दिनों से शिकायतें लगातार मिल रही
  • कुछ उद्योग सीईटी प्लांट तक नहीं भेज रहे टैंकर से गंदा पानी
  • सांवेर रोड सहित आसपास के करीब 150 उद्योग ऐसे है, जिनसे केमिकल वाला घातक पानी निकलता है

सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र से जुड़ी कुछ फैक्टरियों का गंदा पानी चोरी-छिपे कान्ह नदी में बहाया जा रहा है। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कुछ दिनों से इसकी शिकायतें लगातार मिल रही हैं। अब ऐसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई के लिए बोर्ड ने सेक्टर एफ में बने सीईटीपी (कॉमन इफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट) पर मॉनिटरिंग बढ़ा दी है।

सांवेर रोड सहित आसपास के करीब 150 उद्योग ऐसे हैं, जिनसे केमिकल वाला घातक पानी निकलता है। उन्हें अनिवार्य रूप से अपना पानी सीईटीपी तक भेजना होता है। प्लांट तक पाइप लाइन नहीं होने के चलते कुछ उद्योग टैंकरों से दूषित पानी प्लांट तक भेजते हैं। शिकायत मिली है कि बारिश की आड़ में कुछ उद्योग गंदा पानी रात के समय नदी में बहा रहे हैं, जिससे नदी का पानी दूषित हो रहा है। बोर्ड अब सीईटीपी में टैंकरों की पुरानी और अभी की एंट्री के आधार पर जांच कर रहा है। पिछले एक सप्ताह से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। जिन फैक्टरियों से उत्पादन की तुलना में आने वाले टैंकरों की संख्या में कमी होगी, उन पर कार्रवाई की जाएगी।

  • 150 उद्योगों का केमिकल वाला पानी निकलता है रोजाना
  • 245 एमएलडी का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट कबीटखेड़ी में है संचालित
  • 600 से 800 रुपए प्रति टैंकर खर्च आता है
  • 10 पैसे प्रति लीटर के हिसाब से करते हैं पानी साफ

40 लाख लीटर पानी हर दिन होता है साफ

उद्योगों से निकलने वाले केमिकलयुक्त पानी को ट्रीट करने के लिए 4 एमएलडी (40 लाख लीटर) का सीईटीपी बनाया गया है। यहां पानी को ट्रीट करने के बाद पानी कबीटखेड़ी में बने 245 एमएलडी के एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) भेजा जाता है। वहां फिर पानी का ट्रीटमेंट करने के बाद साफ पानी कान्ह में छोड़ा जाता है, लेकिन कुछ उद्योग गंदा पानी नदी में छोड़ रहे हैं।

30 कंपनियों से आते हैं टैंकर

नगर निगम के सहायक यंत्री आरएस देवड़ा ने बताया, सीईटीपी पर सांवेर रोड की करीब 30 फैक्टरियों का दूषित पानी टैंकरों के माध्यम से आता है। प्रतिदिन कई टैंकर यहां आते हैं। 10 पैसे प्रति लीटर के हिसाब से पानी को ट्रीट करने का चार्ज उद्योगों से लिया जाता है।

नोटिस जारी कर करेंगे कार्रवाई

मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी एसएन द्विवेदी ने बताया, नदी में उद्योगों का गंदा पानी छोड़ने की शिकायत मिली है। हमने सीईटीपी में मॉनिटरिंग बढ़ाई है। गड़बड़ी करने वालों को नोटिस जारी कर सख्त कार्रवाई करेंगे।

सभी सेक्टर में नहीं है पाइप लाइन

एआईएमपी के अध्यक्ष प्रमोद डफरिया का कहना है, नदी में गंदा पानी डालने वालों पर कार्रवाई हो, लेकिन उससे पहले निगम सांवेर रोड के सभी सेक्टर में पानी सप्लाय के लिए पाइप लाइन डाले। सेक्टर ए, बी और ई में कई स्थानों पर पाइप लाइन नहीं है। टैंकर से पानी सीईटी प्लांट भेजने में 600 से 800 रुपए प्रति टैंकर का खर्च आता है। उसके बाद 10 पैसे प्रति लीटर नगर निगम वसूलता है।

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