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ताई ने दी फिर नसीहत:कितने भी उच्च स्थान पर जाकर बैठो; तुममें गुण अगर कौवे के रहेंगे तो तुम गरुड़ नहीं बन सकते

पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन की इन दिनों व्यस्तता व सक्रियता बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही उनके ताजा तीखे व चुटीले बयान तथा भाषण भी अब काफी चर्चाओं में आने लगे हैं। हाल ही में पुणे में आयोजित इंडियन स्टूडेंट पार्लियामेंट (भारतीय छात्र संसद) में उन्होंने छात्र-छात्राओं को अपने तरीके व अनुभवों से समझाइश दी। महाजन ने किसी भी क्षेत्र में लोगों की बढ़ती महत्वाकांक्षा को लेकर युवाओं को नसीहत दी कि तुम कितने भी उच्च स्थान पर जाकर बैठो। तुममें गुण अगर कौवे के रहेंगे तो तुम गरुड़ नहीं बन सकते। खास बात यह कि भले ही उनका यह बयान राजनीतिक नहीं था लेकिन इस दौरान मंच पर महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस व अन्य थे, जिन्होंने भी ताई की इस बात को सराहा।

कार्यक्रम में मंच पर ताई के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस व अन्य।
कार्यक्रम में मंच पर ताई के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस व अन्य।

दरअसल, 2005 में इंडियन स्टूडेंट पार्लियामेंट में ताई ने पहली बार शिरकत की थी। फिर अब 17 साल बाद शनिवार को पूणे में आयोजित इस प्रोग्राम में फिर मुख्य अतिथि बनकर आई। इस बार उनका अंदाज बदला हुआ था। उन्होंने अपने 13 मिनट के भाषण में हर बार युवाओं को नई सीख दी। ताई ने कहा कि पिता के काम को द्विगुणीत करके, दो गुना, चौगुना बढ़ाकर उसमें मूल्यों की भी अभिवृद्धि करके पूरे हिन्दुस्तान में नहीं विश्व के कोने-कोने में ले जाने का काम एक पुत्र करें तो इसका आनंद केवल पिता को नहीं एक समष्टि को, पूरे परिवार को होता है। वही आनंद आज हम सब यहां पर बैठे इस एमआरटी परिवार के सभी सदस्यों को हो रहा है।

कभी-कभी मां की या दादी की डांट भी सुनना चाहिए

उन्होंने कहा कि इस परिवार से तो मैं बहुत सालों से जुड़ी हूं। मुझे मालूम है यहां जितने भी युवा बैठे हैं अपने युवा मुख्यमंत्री को ज्यादा सुनना चाहेंगे। उनके आते से ही जिस प्रकार से आवाज हुई, तालियां बजी इतना समझने में तो मैं एक मां के नाते समझती हूं कि मेरे बच्चों को क्या चाहिए? बच्चों एक बात ध्यान रखों, तरुणाई की आवाज तो आप सुनोगे ही, उसके लिए सिटी मारोगे, तालियां बजाओगे मगर कभी-कभी मां की या दादी की डांट भी सुनना चाहिए। अब मैं यह आगे बैठे लोगों के लिए नहीं बोल रही हूं जिन्होंने मेरे जिंदगी में कुछ करके दिखाया।

बड़ों के साथ बैठकर भी संवाद किया करो

ताई ने कहा कि हमने आते से ही ये लोक तंत्र की घंटी बजाई, जोर से घंटानाद किया। हम मंदिर में जाते से ही घंटानाद करते हैं। घंटानाद का एक अर्थ है हम जब प्रार्थना करते थे देवी भगवती की तो उसमें ‘हम कहते थे घंटानाद हमें देता, नित्य जागृति वत्सले, निद्रा आलस्य में कोरे अमोल क्षण नाकदा…’ यह घंटानाद याद दिलाता है। मैं युवाओं को कहना चाहूंगी कि एक-एक क्षण महत्व का है। देखो अपने आसपास क्या हो रहा है, सोचो। बड़ों के साथ बैठकर भी कभी संवाद स्थापित करो।

कैरेक्टर डेवलपमेंटकैरेक्टर बिल्डिंग डेट इज आलसो नेसेसरी

ताई ने कहा कि कि पर्सनलिटी डेवलपमेंट के साथ-साथ कैरेक्टर डेवलपमेंट, कैरेक्टर बिल्डिंग डेट इज आलसो नेसेसरी। मेरी भी प्रकृति (तबियत) अलाऊ नहीं कर रही है, ठीक है चिंता मत करो। अगर आप जीवन में आगे बढ़ना चाहते हो, अगर ऊपर ही ऊपर जाना चाहते हो हमें बताया गया कि बेटा एक बात ध्यान रखना। ‘परासगर शिखर काकारा न गुरुडा आहे’ यानी तुम कितने भी उच्च स्थान पर जाकर बैठो तुममें गुण अगर कौवे के रहेंगे तो तुम गरुड़ नहीं बन सकते। अगर ऊंचाई में चढ़ना हो तो केवल मैं ऊंचे पद पर हूं तो उतने समय के लिए लोग नमस्कार करेंगे भी। हो सकता है कि वो भी वो लोग करेंगे जिनका स्वार्थ हो, जिनको आपसे कुछ काम हो लेकिन ये बात ध्यान में रखना केवल ऊंचे स्थान पर बैठकर कोई बड़ा नहीं बन सकता है उसके लिए कुछ क्वालिटीज, कुछ गुण ये बातें आवश्यक रहती हैं और ये आपको एकत्रित करके चलना है।

PM का सूत्र ध्यान रखो, राज पथ नहीं, कर्त्तव्य पथ पर चलना है

ताई ने कहा प्रधानमंत्री ने एक जो बहुत अच्छा काम किया है कि मैं राज पथ पर जाने के लिए नहीं हूं। अगर जिंदगी में मैं कुछ बनना चाहता हूं, अगर समाज के लिए, राष्ट्र के लिए कुछ करना चाहता हूं तो केवल राजपथ पर नहीं चलना है मुझे, मुझे कर्त्तव्य पथ पर चलना है? ताई ने कहा कि मुझे पता चला है कि हजारों छात्रों में से आप लोगों का सिलेक्शन किया गया है और तीन मिनिट का समय अपनी बात रखने के लिए दिया गया है। कई बार होता यह है कि लोग माइक लेकर बोलते ही रहते हैं, मैं उनमें से नहीं हूं। मैं इतना ही कहना चाहती हूं कि जीवन में कुछ बनना चाहते हो तो कुछ न कुछ गुण बडों से कुछ सीखो। अपने आसपास के लोगों से कुछ सीखो मगर मन शुद्ध रखकर। फिर पहला कदम अगर जीवन में रखोगे तो आगे जरूर यशस्वी हो जाओगे। ताई के इस भाषण पर न केवल जोरदार तालियां बजी बल्कि उन्हें स्टैंडिंग ओवेशन दिया गया।

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