- महापौर से मिले व्यापारी, बोले- इस मामले का स्थायी समाधान चाहिए
खुद की दुकान पर बोर्ड लगाने पर टैक्स लिए जाने का विरोध और तेज हो गया है। मंगलवार को व्यापारी एकजुट होकर महापौर से मिलने पहुंचे। अहिल्या चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स से जुड़े व्यावसायिक संगठन, भाजपा व्यापारिक प्रकोष्ठ सहित अन्य दुकानदार शामिल थे।
व्यापारियों ने कहा- सबसे ज्यादा टैक्स व्यापारी ही देता है। अब साइन बोर्ड को लेकर टैक्स क्यों लगाया जा रहा है। इस पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा दिवाली तक कोई टैक्स नहीं लेंगे। अहिल्या चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने कहा कि यह तो ज्यादा तकलीफदायक बात है। बोर्ड पर नाम डिस्प्ले नहीं होगा तो दुकानदार को अलग से 10-20 हजार खर्च करना पड़ेंगे।
ब्रांडिंग के बगैर दुकानदार भी कैसे बताएगा कि वह किस प्रोडक्ट का डीलर है। कंपनी देखकर ही वह दुकान पर चढ़ता है। खंडेलवाल ने महापौर से कहा कि आप तो हमें 100 प्रतिशत आश्वासन दीजिए कि हमसे यह टैक्स नहीं लिया जाएगा। इस पर भार्गव ने कहा दिवाली बाद हम सभी दोबारा बैठेंगे।
बात नहीं बनी तो प्रदेश स्तर तक जाएगा मामला
भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ के नगर संयोजक धीरज खंडेलवाल ने कहा कि प्रदेश स्तर तक मामला ले जाने की जरूरत होगी। बैठक में विधायक रमेश मेंदोला, राजस्व प्रभारी निरंजन सिंह चौहान, जनकार्य प्रभारी राजेंद्र राठौर, व्यापारियों की ओर से सुशील सुरेका, कैलाश चिमनानी, मनीष निगम, मोहनलाल अग्रवाल, रसनिधि गुप्ता, कैलाश मुंगड़, रजनीश चौरड़िया, शेखर खन्ना, राजेश बाहेती आदि मौजूद थे।
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