शहर के 1000 से ज्यादा करदाताओं के लिए जनवरी से एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। इसके तहत 5 करोड़ रुपए से ज्यादा के टर्नओवर वाले व्यवसायियों के लिए इ-इनवॉइस जारी करना अनिवार्य किया जाएगा। वहीं अगले वित्तीय वर्ष से 1 करोड़ से ज्यादा के टर्नओवर वाले व्यापारियों, कंपनियों और व्यवसायियों के लिए भी यह अनिवार्य हो जाएगा।
सीए कीर्ति जोशी ने बताया कि 1 जनवरी से व्यापारी को पोर्टल के माध्यम से ही बिल जारी करने होंगे। इससे जहां सिस्टम में पारदर्शिता आएगी और फर्जी बिल बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने पर रोक लग सकेगी, वहीं दूसरी तरफ करदाताओं और व्यवसायियों पर अतिरिक्त खर्च बढ़ेगा। यानी जो व्यवसायी तकनीकी रूप से सक्षम नहीं हैं, उन्हें इस कार्य के लिए अतिरिक्त संसाधन रखने पड़ेंगे।
जीएसटी पोर्टल भी अपडेट होगा
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड ने बदलाव के लिए जीएसटी नेटवर्क को सूचित कर दिया है। उनसे पोर्टल को बदलाव के लिए अपडेट करने की बात भी कही है। वहीं, वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 5 करोड़ की सीमा घटाकर 1 करोड़ रुपए कर दी जाएगी, ऐसी संभावना जताई जा रही है। ऐसे में वे सभी करदाता उस दायरे में आएंगे, जिनका 5 साल में टर्नओवर कभी भी उक्त सीमा के ऊपर रहा हो। इसमें समग्र टर्नओवर को गणना की जाएगी।
साल में तीसरी बार बदलाव- इस वित्तीय वर्ष में यह तीसरी बार हो रहा है कि ई-इनवॉइस की सीमा घटाई गई है। 1 अप्रैल 2022 को यह 50 करोड़ से घटाकर 20 करोड़ की गई थी। 1 अक्टूबर 2022 को 20 करोड़ से घटाकर 10 करोड़ की गई थी। अब 1 जनवरी 2023 से यह सीमा 5 करोड़ पर लाई जाएगी और 1 अप्रैल 2023 से यह 1 करोड़ रुपए होने की संभावना है।
इस प्रकार से करें रजिस्ट्रेशन
- रजिस्ट्रेशन हेतु https://einv-apisandbox.nic.in लिंक पर क्लिक करें।
- वेबसाइट पर लॉग इन के बटन पर क्लिक करें।
- एक पॉप अप खुलेगा, जिसमें नए प्रावधानों की जानकारी है, इसमें ओके पर क्लिक करें।
- अब लॉगइन पेज खुलेगा, उस पर नीचे ‘रजिस्टर हियर’ पर क्लिक करें।
- छोटा सा रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुलेगा।
- इसमें चुनें की आप किस श्रेणी के व्यवसायी हैं।
रजिस्ट्रेशन फॉर्म में यह जानकारी देनी है
- फॉर्म में व्यवसायी का जीएसटीन या पैन नंबर, मोबाइल नंबर, ईमेल एवं केप्चा कोड भरकर एक ओटीपी जनरेट करना होगा।
- फिर व्यवसायी को मोबाइल पर ओटीपी मिलेगा।
- ओटीपी डालने के बाद रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
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