अगर आप रेस्टोरेंट में बैठकर कोई नमकीन आइटम खा रहे हैं तो 5 प्रतिशत टैक्स देना होगा। लेकिन इसी आइटम को उसी रेस्टोरेंट से पैक करवाया तो 12 प्रतिशत टैक्स लगेगा। ऑनलाइन होम डिलीवरी ऑर्डर करने पर 5 प्रतिशत टैक्स देना होगा। आइस्क्रीम घर लेकर जाने पर 18 प्रतिशत टैक्स देना होता है। इसी तरह रेस्टोरेंट के भीतर बैठकर पैकेज्ड पानी लेने पर 5 प्रतिशत और बाहर लेकर जाने पर 18 प्रतिशत टैक्स देना होगा। पिछले दिनों गुजरात अपीलेट अथॉरिटी ने पराठे पर 18 प्रतिशत जीएसटी के फैसले को सही ठहराने का आदेश दिया। इसके बाद एक बार फिर पैकेज्ड फूड पर लगने वाला जीएसटी चर्चा में आ गया है।
जीएसटी एक्सपर्ट मुकुल शर्मा बताते हैं कि इस साल जुलाई में पैकेज्ड फूड पर जीएसटी लगाने और उसके बाद जारी अलग-अलग आदेशों के कारण यह स्थिति बन रही है कि एक ही आइटम पर अलग-अलग स्थिति और अलग-अलग दुकान से लेने पर टैक्स अलग-अलग लग रहा है। दीपावली पर अन्य सामग्रियों के साथ नमकीन, मिठाई, बेकरी आइटम आदि की भी बिक्री बढ़ती है और रेस्टोरेंट में बैठकर खाने वालों की संख्या भी बढ़ती है। ऐसे में व्यापारी और ग्राहक दोनों परेशान हैं। इसकी जांच का कोई मैकेनिज्म नहीं है कि ग्राहक ने काउंटर से सामान खरीदा या रेस्टोरेंट में बैठकर सेवन किया। नतीजा टैक्स की गड़बड़ियों को पकड़ना मुश्किल है और दुकानदारों के लिए हिसाब रखना मुश्किल है।
यह भी खास... काजू पर 5% और रोस्टेड काजू पर 12% टैक्स
शर्मा बताते हैं कि सामान्य काजू पर 5 प्रतिशत टैक्स है, जबकि बादाम और पिस्ता पर 12 प्रतिशत। रोस्टेड काजू पर 12 प्रतिशत टैक्स है। यदि पैक करके बेच रहे हैं तो जो सबसे अधिक टैक्स वाला आइटम है वह पूरे आइटम पर लग जाएगा। अगर ड्राय फ्रूट के साथ बेकरी या चॉकलेट रखी है तो 18 प्रतिशत टैक्स लग जाता है, क्योंकि इन पर टैक्स 18 प्रतिशत है। शर्मा के अनुसार यह नियम तो पुराना है, लेकिन इस पर भी पुनर्विचार होना चाहिए।
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