शिवराज सरकार नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों को वेतन-भत्ते बढ़ाकर दिवाली गिफ्ट देने जा रही है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसके मुताबिक नगर निगमों के महापौर, अध्यक्ष और पार्षदों के वेतन-भत्तों में 33 से 87% की बढ़ोत्तरी हो रही है, जबकि नगर पालिका के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व पार्षदों को 56 से 71% की ग्रोथ दी जा रही है। सबसे ज्यादा नगर परिषदों के अध्यक्ष के वेतन-भत्ते में 128% का इजाफा किया गया है। बता दें कि नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों के वेतन-भत्तों में 12 साल बाद बढ़ोतरी की जा रही है।
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने मप्र के नगर निगम व नगर पालिका (पार्षदों के पारिश्रमिक व भत्ते) नियम 1995 में संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इस पर विभाग के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। विभाग अब इसे जल्दी ही मुख्यमंत्री कार्यालय को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजेगा। इसके बाद सरकार इसे अध्यादेश के माध्यम से लागू करेगी।
नगर निगम को दो भागों में बांटा
प्रस्ताव के मुताबिक नगर निगमों को दो भागों में बांटा गया है। पहला- 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर। यानी भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर व उज्जैन इस श्रेणी में हैं। इन शहरों के महापौर की सैलरी प्रति माह 11 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपए की जा रही है, जबकि अलाउंस भी दो गुना कर 5 हजार रुपए होगा। वहीं, 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों के महापौर का वेतन 11 हजार से बढ़ाकर 15 हजार और अलाउंस भी ढाई हजार से बढ़ाकर 4 हजार रुपए किया गया है।
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