इंदौर के पश्चिम क्षेत्र में स्थित है रणजीत हनुमान मंदिर। 16 दिसंबर को रणजीत अष्टमी के मौके पर यहां से विशाल प्रभातफेरी निकलने वाली है। प्रभातफेरी की तैयारियों को लेकर बैठकों का दौर भी जारी है। इसी कड़ी में प्रभातफेरी को लेकर कई अहम निर्णय लिए गए। इस बार निकलने वाली प्रभातफेरी में डीजे को पूरी तरह से बैन करने का निर्णय लिया गया है। इसके बदले भजन गायकों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
प्रभातफेरी को लेकर दो रूटों पर चर्चा चल रही है। फिलहाल रूट को फाइनल नहीं किया है। रविवार को पुलिस-प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों के साथ मंदिर प्रबंधन की बैठक होगी। जिसमें ये रूट फाइनल किया जाएगा।
चलिए अब आपको बताते है कि आखिर किस वजह से प्रभातफेरी में डीजे पर रोक लगाई गई...
पिछले करीब 135 सालों से रणजीत हनुमान मंदिर से रणजीत अष्टमी के अवसर पर प्रभातफेरी निकाली जा रही है। लगातार इस प्रभातफेरी में लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले साल कोविड के प्रतिबंधों के चलते करीब डेढ़ लाख लोग इसमें शामिल हुए थे। इस बार मंदिर प्रबंधन व भक्त मंडल को उम्मीद है कि कड़ाके के ठंड में इस बार दो लाख से ज्यादा भक्त शामिल हो सकते है।
मंदिर प्रबंधन और भक्त मंडल व मंदिर के पुजारी पं. दीपेश व्यास के बीच डीजे को लेकर चर्चा हुई। इसमें ये बात निकल कर आई कि प्रभातफेरी में डीजे पर बैन लगाया जाना चाहिए। इस विषय में सभी ने अपनी-अपनी बात रखी और ये तय किया कि इस बार प्रभातफेरी में डीजे नहीं बजाया जाएगा। इसके बजाए भजन गायकों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके पीछे ये वजह भजनों और गानों की मिक्सिंग को बताया जा रहा है।
10 से 15 डीजे रहते थे, 7 भजन गायक रहेंगे
मंदिर के पुजारी पं. दीपेश व्यास ने बताया कि पहले भगवान की प्रभातफेरी में 10 से 15 डीजे रहते थे। लेकिन इस बार डीजे पर पूरी तरह से बैन कर दिया गया है। अब भजन गायकों की संख्या प्रभातफेरी में बढ़ा दी गई है। प्रभातफेरी में पहले 2 से 3 भजन गायक हुआ करते थे, इस बार भजन गायकों की संख्या को 7 कर दिया गया है। 7 भजन गायक प्रभातफेरी में अपनी प्रस्तुति देते हुए चलेंगे। इसके अलावा तीन बैंड रहेंगे साथ ही छोटी-छोटी भजन मंडलियों (झांझ-मृदंग पर भजन करने वाले) को भी इसमें शामिल किया जा रहा है। इससे प्रभातफेरी में अनुशासन भी रहेगा और इसका आनंद भी भक्तों को आएगा।
5100 महिला ध्वज वाहिनी, 101 पुरुष ध्वज वाहक
उन्होंने बताया कि प्रभातफेरी में 5100 महिला ध्वज वाहिनी रहेगी। वहीं 101 पुरुष ध्वज वाहक रहेंगे। प्रभातफेरी में आकर्षण के लिए ड्रोन से हनुमान जी को उठते हुए भी दिखाया जाएगा। वहीं महूनाका से दशहरा मैदान के बीच हैलिकॉप्टर से फूलों की वर्षा भी कराई जाएगी। इसके अलावा नासिक के ढोल मंडली (ध्वज पातक) भी इसमें शामिल रहेगी। इस मंडली में 51 लोगों की टीम रहेगी।
4 दिनों तक होंगे आयोजन
रणजीत अष्टमी के मौके पर 4 दिन का प्रोग्राम बनाया गया है। 13 दिसंबर से 16 दिसंबर तक मंदिर में अलग-अलग आयोजन होंगे। मंदिर को भव्य रूप से सजाया जाएगा। आकर्षक लाइटिंग भी की जाएगी। 13 से 15 दिसंबर तक अलग-अलग आयोजन होंगे। इसमें 13 दिसंबर को ध्वजारोहण, 14 दिसंबर को दीपोत्सव और भजन संध्या, 15 दिसंबर को विग्रह प्रतिमा का अभिषेक एवं रक्षा सूत्रों की सिद्धि और 16 दिसंबर की अलसुबह प्रभातफेरी निकाली जाएगी।
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