धरती से किसी अन्य ग्रह पर जाकर बसना आसान नहीं होगा। यह बेहद खर्चीला पड़ेगा। लेकिन, मानव जब लाल ग्रह मंगल पर कदम रखेंगे तो उनके लिए भूमिगत गुफाएं रहने की जगह हो सकती है। धरती और चांद पर बड़ी संख्या में पहाड़ी गुफाएं मौजूद हैं।
ये मंगल जैसे कठिन हालात के लिए प्राकृतिक बचाव साबित हो सकती हैं। इस माह डेनवर में अमेरिका जियोलॉजिकल सोसायटी की बैठक में शोधकर्ताओं ने बताया कि मंगल पर ऐसी नौ गुफाओं में भावी अभियान चल सकते हैं। इन गुफाओं का कुछ हिस्सा भूमिगत है। ये कम वजन वाले रोवर वाहन की लैंडिंग साइट के पास हैं। एरिजोना यूनिवर्सिटी में जियोसाइंटिस्ट निकोल बरडाबेलियस कहती हैं, ये गुफाएं मंगल ग्रह के चुनौतीपूर्ण और कठिन माहौल से राहत दे सकती हैं। ग्रह की सतह पर रेडिएशन, भारी उल्कापात और दिन-रात के तापमान में बहुत अधिक अंतर रहता है।
मंगल पर घर की जगह बहुत कीमती संपत्ति होगी। निकोल और उनके सहयोगियों ने मार्स ग्लोबल केव कैंडीडेट केटालॉग से जानकारी हासिल की है। यह कैटालॉग मंगल ग्रह के चक्कर लगाने वाले अंतरिक्ष यान और कुछ अन्य कैमरों से ली गई तस्वीरों पर आधारित है। इसमें मार्स पर स्थित एक हजार गुफाओं सहित कई अन्य ब्योरे शामिल हैं। शोधकर्ताओं ने कैटालॉग में जगह देखने के लिए दो मापदंडों का इस्तेमाल किया है। पहला- स्पेसक्राफ्ट के लिए उपयुक्त लैंडिंग स्थल से 100 किलोमीटर के दायरे में गुफा होनी चाहिए। दूसरा-उसकी बहुत साफ तस्वीर उपलब्ध हो। निकोल और उनके साथियों ने 3300 फुट ऊंची पहाड़ी के नीचे की जगह को उपयुक्त लैंडिंग साइट माना है। ऐसी साइट पर स्पेसक्राफ्ट को उतरने में आसानी होगी। अमेरिकी स्पेस एजेंसी- नासा और अन्य स्रोतों से मिली इमेज के आधार पर गुफाओं की पहचान की गई है।
रिसर्च टीम ने 139 गुफाओं को अपने मापदंडों के मुताबिक पाया है। केवल ऐसी गुफाओं को वरीयता दी गई है जिनका कुछ हिस्सा भूमिगत है। ऐसी नौ गुफाएं मानवों के रहने लायक पाई गई हैं। इनमें सबसे बड़ी गुफा का मुहाना फुटबॉल मैदान से बड़ा है।
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