अब तक पुलिस विभाग को सहायता देने वाले होमगार्ड अब स्वयं भी एक विधा में पारंगत हो चुके हैं। होमगार्ड के अंतर्गत 2016 में प्रदेश में एसडीईआरएफ (स्टेट डिजास्टर इमरजेंसी रिस्पांस फोर्स) का गठन हुआ। फिलहाल जिले में 19 सैनिकों की एक टुकड़ी आपदा से निपटने को तैयार रहती है।
अगले सप्ताह चार सैनिक नौसेना द्वारा संचालित राष्ट्रीय लाइफ सेविंग सोसायटी ऑफ इंडिया, पुणे में पॉवर बोट ऑपरेटिंग कोर्स करने जा रहे हैं। भोपाल स्थित स्कूबा डाइविंग सेंटर पर डाइविंग लेवल-1 और कोलकाता के नौसेना सेंटर पर डाइविंग लेवल-2 कोर्स करेंगे, जहां पानी में लंबे समय तक गहराई में रहने का प्रशिक्षण लेंगे।
- 1947 में मप्र होमगार्ड अधिनियम के तहत स्थापना हुई
- 650 सैनिक मौजूद हैं इंदौर जिले में
- 50 महिलाएं शामिल हैं होमगार्ड में
- 22 लाइफ बोट्स हैं डिजास्टर टीम के पास वर्तमान में
नियमित अभ्यास करते हैं, बाढ़ जैसी आपदा से निपटने में कुशल
यह फोर्स बाढ़ जैसी आपदा से निपटने में पूरी तरह से कुशल है। शहर के आसपास पानी वाली जगहों पर नियमित अभ्यास करते है। इनके पास 22 मोटर बोट्स, लाइफबॉय, लीफर जैकेट्स, रोप लॉन्चर, विक्टिम लोकेशन कैमरा, अंडर वाटर कैमरा, केमलोंग, आस्का लाइट्स, पेलिकन लाइट्स जैसे आधुनिक उपकरण हैं।
आधुनिक प्रशिक्षण दे रहे
डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट सुमत जैन बताते हैं कि हम एसडीईआरएफ टीम को आधुनिक प्रशिक्षण दे रहे हैं। 19 लोगों की टीम सिर्फ आपदा से जुड़े अभ्यास ही करती है। समय-समय पर इन्हें देशभर के लाइफ सेविंग सोसायटी द्वारा संचालित सेंटर्स पर ट्रेनिंग करवाई जाती है। इस टीम में प्लाटून कमांडर से लेकर सैनिक तक शामिल हैं।
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