साल का आखिरी विवाह मुहूर्त 9 दिसंबर को रहेगा। इसके बाद 16 तारीख को सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करेंगे और इसी के साथ धनुर्मास शुरू हो जाएगा। इसे खरमास भी कहा जाता है। ज्योतिष ग्रंथों के मुताबिक इस दौरान मांगलिक काम नहीं किए जा सकते। इसके बाद शादी के लिए मुहूर्त सीधे अगले साल जनवरी में मिलेगा।
16 दिसंबर से शुरू होगा खरमास
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र ने बताया कि 16 दिसंबर की शाम तकरीबन 7 बजे सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेगा। इस कारण खरमास लग जाएगा। ये महीना 14 तक रहेगा। यानी मकर संक्रांति के साथ खरमास खत्म हो जाएगा। पूरे खरमास में सूर्य, बृहस्पति की राशि में होता है। ज्योतिषीय ग्रंथों के मुताबिक जब भी सूर्य, गुरु की राशि यानी धनु में रहता है तो इस दौरान किसी भी तरह के मंगल काम नहीं किए जाते हैं।
खरमास में मांगलिक कामों की मनाही क्यों...
दरअसल, बृहस्पति मांगलिक कार्यों के कारक ग्रह हैं। धनु और मीन राशि बृहस्पति ग्रह की राशियां हैं। इनमें ग्रहराज सूर्य के प्रवेश करते ही खरमास दोष लगता है। ज्योतिष ग्रंथों में कहा गया है कि जब सूर्य की राशि में गुरु हो और गुरु की राशि में सूर्य संक्रमण कर रहा हो तो उसे गुर्वादित्य काल कहा जाता है। इस काल में सभी शुभ कामों की मनाही है। 16 दिसंबर को सूर्य ग्रह धनु राशि में प्रवेश करेगा। ऐसे में इस अवधि के दौरान शुभ कार्य नहीं किए जा सकेंगे।
विष्णु, देवगुरु की पूजा से लाभ
शास्त्रों के मुताबिक, खरमास के दौरान भगवान विष्णु की आराधना की जाए तो जीवन में रुके हुए कार्य पूर्ण होते हैं। सूर्य के अलावा देवगुरु बृहस्पति के मंत्रों का जाप करना भी लाभकारी माना गया है। नित्य मंदिर जाकर देव दर्शन करना भी फलदायी होता है।
अगले साल होली से पहले तक 23 मुहूर्त
अगले साल होली से पहले शादी के लिए 23 मुहूर्त रहेंगे। इनमें जनवरी में 9 और फरवरी में 14 दिन शादियां होंगी। 28 फरवरी से होलाष्टक शुरू होगा। यानी होली से पहले के आठ दिन मांगलिक कामों के लिए शुभ नहीं होते। इसके बाद 15 मार्च से मीन मास रहेगा। इस दौरान भी शादियां नहीं होती। इसलिए 4 मई से शादियों का सीजन शुरू होगा। जो कि 27 जून तक रहेगा।
जनवरी: 15, 16, 18, 19, 25, 26, 27, 30 और 31
फरवरी: 6, 7, 8, 9, 10, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 22, 23 और 28
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