- रिव्यू-रिवैल्यूएशन, पूरक में भी पास नहीं ताे मिलेगा फाइनल में दाेबारा प्रवेश
बीकॉम, बीए और बीएससी जैसे परंपरागत काेर्स की फरवरी में प्रस्तावित फाइनल ईयर की परीक्षा में जाे छात्र फेल हाेंगे, उन्हें नए सत्र में ओल्ड छात्र के ताैर पर प्रवेश मिलेगा। हालांकि छात्राें काे रिव्यू, रिवैल्यूएशन और पूरक परीक्षा का माैका मिलेगा, लेकिन उसके बाद भी अगर वे पास नहीं हाेते हैं ताे उन्हें फाइनल में ही दाेबारा एडमिशन की पात्रता ताे रहेगी लेकिन ओल्ड छात्र के ताैर पर हाेगी। क्याेंकि 2023 में फाइनल ईयर में भी नई एजुकेशन पॉलिसी लागू हाे रही है।
ऐसे में जाे छात्र इस साल सेकंड ईयर में हैं, उनकी अप्रैल में परीक्षा हाेगी और पास हाेकर जब वे फाइनल में पहुंचेंगे ताे उन्हें नई एजुकेशन पॉलिसी से पढ़ाया जाएगा। लेकिन जाे छात्र अभी फाइनल में हैं, वे फेल हाेंगे ताे उन्हें नई एजुकेशन पॉलिसी से पढ़ाना संभव नहीं हाेगा। इसी कारण उनके लिए अलग बैच बनाई जाएगी। यही दिक्कत इस साल सेकंड ईयर में आई थी। तीन माह की लेटलतीफी के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने फेल छात्राें के लिए ओल्ड बैच बनाने की सहमति दी थी। हालांकि कुछ नए मापदंड भी बनाए थे।
एक बड़ी परेशानी यह भी... जाे छात्र सेकंड ईयर में फिर फेल होंगे, उनका क्या ?
एक बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि जाे छात्र सेकंड ईयर में दाेबारा फेल हाेंगे, उनका क्या हाेगा? क्या उनके लिए 2023 में ओल्ड काेर्स छात्राें की दाेबारा बैच बनेगी? क्या उन्हें एक्स स्टूडेंट मानकर अलग से परीक्षा की व्यवस्था की जाएगी? ऐसे तमाम सवाल हैं, जिन पर अभी फैसले हाेना बाकी है। यह सारे बिंदु कहीं न कहीं नई एजुकेशन पॉलिसी से जुड़े हैं। डॉ. ऋषिना नातू कहती हैं कि फाइनल ईयर में ताे ओल्ड बैच आसानी से बनाई जा सकेगी। उन छात्राें के लिए कुछ मापदंड जरूर नए रहेंगे।
छात्राें काे उनका पालन करना हाेगा। वहीं लेकिन सेकंड ईयर में अगर काेई छात्र दूसरी बार फेल हाेता है ताे उसके लिए क्या व्यवस्था हाेगी, इस पर अभी स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। वैसे नई अगले दाे साल में नई एजुकेशन पॉलिसी से जुड़ी तमाम तकनीकी बाधाएं खत्म हाे जाएंगी। क्याेंकि तब तक बीबीए, बीसीए जैसे सेमेस्टर वाले काेर्स में पूरी 100 फीसदी ईयरली सिस्टम लागू हाे चुका हाेगा। वहीं बीकॉम, बीए, बीएससी व तमाम यूजी काेर्स में अगले दाे साल में ओल्ड छात्राें की संख्या न के बराबर हाे जाएगी।
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