एक समय सिंगल स्क्रीन टॉकिज का गढ़ रहे इंदौर में करीब दो दशक से लगातार सिनेमाघरों का बंद होना जारी है। अब मध्य क्षेत्र में पिछले करीब 10 साल से बंद अलका टॉकिज को भी जमींदोज किया जा रहा है। टॉकिज की करीब 6 हजार वर्ग फीट जमीन पर अब शॉपिंग मॉल बनाने की तैयारी है। शुक्रवार से इसे तोड़ने का काम शुरू हो गया है। कई हिट फिल्मों का गवाह रहे अलका टॉकिज से सटकर ज्योति टॉकिज है, जो फिलहाल चल रहा है। टॉकिज मालिक झांझरिया परिवार ने बताया हम अब इस टॉकिज को तोड़ने जा रहे हैं। 5 टॉकिज बंद, बिल्डिंग अभी मौजूद
80 के दशक में शहर में 30 से अधिक सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर थे, जो घटकर अब सिर्फ 4 बचे हैं। आस्था, कस्तूर, ज्योति और प्रफुल्ल टॉकिज चल रहे हैं। स्मृति, कुसुम, प्रेमसुख, देवश्री, अभिनय टॉकिज की बिल्डिंग तो है, लेकिन पिछले एक दशक में बारी-बारी से यह बंद हो गए हैं।
मल्टीप्लेक्स आने के बाद एक-एक कर बंद होते गए
कोरोना में बंद हुए एक टॉकिज को करीब तीन महीने पहले तोड़ दिया है। सेंट्रल सर्किट सिने एसोसिएशन के सदस्य आदर्श यादव ने बताया, 80 के दशक में पूरे प्रदेश में सबसे अधिक टॉकिज इंदौर में ही थे। 30 से अधिक सिंगल स्क्रीन थे। 2000 के बाद मल्टीप्लेक्स की संख्या बढ़ने से घाटे की वजह से सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर लगातार बंद हो रहे हैं। अभी महज चार टॉकिज चल रहे हैं। आधा दर्जन से अधिक बंद पड़े हैं। अलका टॉकिज की जगह शॉपिंग मॉल बनना है, इसलिए उसे भी तोड़ा जा रहा है।
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